टेस्ट क्रिकेट में सफलता का मंत्र सीख ऑस्ट्रेलिया से लौटा ये भारतीय गेंदबाज, अब किया खुलासा
कप्तान रहाणे और टेस्ट क्रिकेट में पहली बार टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनने के बाद कार्तिक काफी कुछ सीख कर घर लौटे हैं। जिसके बारे में उन्होंने अब खुलकर बताया है।
ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज 2-1 से जीतने के बाद भारतीय कप्तान अजिंक्य रहाने ने उन दो खिलाडियों की भी ड्रेसिंग रूम में तारीफ की थी जिन्हें चार टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान खेलने को नहीं मिला था। इसमें से एक नाम 20 साल के युवा तेज गेंदबाज कार्तिक त्यागी का भी था। जो नेट गेंदबाज के रूप में पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के बल्लेबाजों को प्रैक्टिस करा रहे थे। जिसके बारे में कप्तान रहाणे ने सीरीज जीत के बाद कार्तिक के लिए कहा था कि कार्तिक तुमने भी शानदार काम किया। ऐसे में कप्तान रहाणे और टेस्ट क्रिकेट में पहली बार टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बनने के बाद कार्तिक काफी कुछ सीख कर घर लौटे हैं। जिसके बारे में उन्होंने अब खुलकर बताया है।
कार्तिक ने इन्डियन एक्सप्रेस से बातचीत में कप्तान रहाणे से मिली तारीफ के बारे में कहा, "सबसे बड़ी बात ये थी कि हमने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराया और मैं उस टीम का हिस्सा था। जब कप्तान ने मेरा नाम लिया तो ये मेरे लिए गर्व का पल था। मैं उम्मीद करता हूँ कि आगे जाकर टीम इंडिया के लिए गेंदबाजी करूँ और मैच जिताऊ।"
वहीं कार्तिक ने टीम इंडिया के साथ रहें और अन्तराष्ट्रीय खिलाडियों से टेस्ट क्रिकेट के गुण सीखने के बारे में कहा, "कैसे एक सेशन का प्लान बनाया जाता है, कैसे गेंदबाजी की जाती है और फील्डिंग सेट की जाती है। मैंने सबसे बात की है। बुमराह से बात करना पैट कमिंस को देखना और सिराज को डेब्यू करते हुए देखना। अपने प्लान पर टिके रहना कितना महत्वपूर्ण होता है ये भी सीखा। विश्व की दो बेस्ट टीमें टेस्ट क्रिकेट खेल रही है और आप देख रहे हैं सुन रहे हैं और सीख रहे हैं। ये मेरे लिए काफी प्रेरित करने वाला अनुभव रहा।"
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जबकि अंत में एक गेंदबाज के लिए टेस्ट क्रिकेट में सफलता का क्या मन्त्र होता है इसे भी कार्तिक ने सीखा और कहा, "मैं नेट सेशन में एक ही स्पॉट पर गेंदबाजी करने का प्रयास कर रहा था। क्रिकेट के ऊँचे स्तर पर एक ही जगह में गेंदबाजी करना सबसे कठिन होता है। मैंने अंडर 19 विश्वकप और आईपीएल खेला है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अगर आपको सफल होना है तो आपको निरंतर और धैर्य के साथ काम करना होगा। यही बाकी फॉर्मेट और टेस्ट क्रिकेट में बड़ा अंतर है। आपकी सिर्फ एक ही सपोर्ट पर गेंदबाजी करनी होती है चाहें विकेट आए या ना आए।"
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