खराब प्रदर्शन के कारण इंग्लैंड की टेस्ट टीम से बाहर हुए बल्लेबाज जो डेनली ने कहा कि वह वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे और तीसरे टेस्ट से बाहर किये जाने के बाद काफी निराश थे लेकिन उनका मानना है कि यह सही फैसला था क्योंकि वह मौके मिलने के बावजूद शीर्ष क्रम में अपना स्थान पक्का नहीं कर पाये।
पिछले साल डेब्यू करने वाले डेनली का 15 टेस्ट में औसत 29.53 है और वह अच्छी शुरूआत का फायदा उठाने में असफल रहे। उनका सर्वोच्च स्कोर 94 है जो उन्होंने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था।
वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरूआती टेस्ट में उन्होंने महज 18 और 29 रन की पारी खेली। कप्तान जो रूट के अपने बच्चे के जन्म के बाद लौटने से वह आगे के मैचों में नहीं खेल सके। वह आयरलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में पीठ में मांसपेशियों के खिंचाव के कारण नहीं खेल पाये।
डेनली ने ‘इवनिंग स्टैंडर्ड’ से कहा, ‘‘मैं मैच खेल रहा था और बड़ी पारियां नहीं खेल पा रहा था। मुझे लगता है कि मुझे थोड़ा सा गेंदबाजों के ऊपर हावी होकर खेलना चाहिए था। बड़ी पारियां नहीं खेलने से मुझ पर काफी दबाव बन गया। लेकिन जब तक आप जान पाते, आप क्रीज से आउट होकर लौट आते। ’’
टेस्ट टीम से बाहर किये जाने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘बिलकुल मैं बहुत निराश था। लेकिन यह सही फैसला था। मुझे बड़े स्कोर बनाने के मौके मिले और तब मैं देखता हूं तो यह सबसे ज्यादा निराशाजनक लगता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मौकों का फायदा नहीं उठा सका। मैं तीन या चार बड़े शतक नहीं बना सका और तीसरे स्थान को अपना नहीं बना सका। यह काफी निराशाजनक था। ’’
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