आकलैंड। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में संकट की स्थित बनी हुई है। ऐसे में न्यूजीलैंड के एक क्रिकेटर ने इस मुश्किल परिस्थिति से निपटने का रास्ता सुझाया है। सोशल मीडिया पर अपनी मजाकिया कमेंट्स के लिये मशहूर न्यूजीलैंड के आलराउंडर जिम्मी नीशम का कहना है कि चीजों के मजाकिया पक्ष पर ध्यान केंद्रित करने से उन्हें कोविड-19 महामारी जैसी मुश्किल परिस्थितियों से पार पाने में मदद मिलती है।
पूरी दुनिया में 20 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही वजह है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कई बडे़ देशों में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है।
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नीशम ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यही सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। हम जिस खेल को खेलते हैं और मेरा जैसा करियर रहा है जिसमें कई उतार चढ़ाव होते हैं, ऐसे में आपको उसका अच्छा और मजेदार पक्ष देखना चाहिए अन्यथा आप अंधेरे के गर्त में चले जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुश्किल परिस्थितियों में जीने का आदी हूं और उनमें से यह भी एक है। ये सभी चीजें आखिर में गुजर जाती हैं और हमें मुस्कराते और हंसते हुए रहना चाहिए। जब हम इन परिस्थितियों से बाहर निकलेंगे तो तब हम सभी अच्छी स्थिति में होंगे।’’
पिछले महीने न्यूजीलैंड की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला पहले मैच के बाद स्थगित कर दी गयी और कीवी टीम को स्वदेश लौटना पड़ा। इस बारे में 29 वर्षीय नीशम ने कहा कि जिस तरह से तेजी से चीजें बदली उससे वह हैरान थे। उन्होंने कहा, ‘‘हम वनडे सीरीज के लिये सिडनी में थे और जो कुछ हो रहा था हम उसको लेकर हवाई अड्डे पर मजाक कर रहे थे लेकिन छह सात दिनों में ही जो कुछ हुआ वह अविश्वसनीय था।’’
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नीशम ने कहा, ‘‘हमने शुक्रवार को मैच खेला और शनिवार को हमें दो बजे बैठक के लिये बुलाया गया और तीन बजे तक हम हवाई अड्डे जाने के लिये बस में थे। सब कुछ बहुत तेजी से घटित हुआ। हम सौभाग्यशाली थे जो घर पहुंच गये।’’
स्वदेश लौटने से पहले कीवी टीम ने खाली स्टेडियम में एक वनडे खेला था। नीशाम ने कहा, ‘‘यह अजीबोगरीब था, पूरी तरह से भिन्न। एक समय मैं लांग ऑन पर फील्डिंग कर रहा था और मैं एक सुरक्षाकर्मी की वाकी टॉकी पर बातचीत सुन रहा था। मैं मैदान के दूसरे छोर पर खड़े सुरक्षाकर्मी की बात भी सुन सकता था। यह बेहद अजीब स्थिति थी।"
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