पार्थिव पटेल ने जवागल श्रीनाथ को ग्लेन मैक्ग्रा से भी बताया बेहतर गेंदबाज
श्रीनाथ ने 2003 विश्वकप के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वह भारत के लिए कुल 67 टेस्ट और 229 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने टेस्ट में 236 और वनडे में 315 विकेट लिए।
मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम में जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा और उमेश यादव जैसे धाकड़ गेंदबाज मौजूद हैं। भारत की गेंदबाजी आक्रमण को इस समय दुनिया की सबसे मजबूत माना जा रहा है। हालांकि भारतीय टीम की पहचान हमेशा से बेहतरीन बल्लेबाजी और स्पिन गेंदबाजी के तौर पर रही है लेकिन पिछले पांच से साल सालों में यह पूरी तरह से अब बदल गया है।
भारतीय टीम के पास इस समय तेज गेंदबाजों की एक मजबूत टोली है जो किसी भी बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। हालांकि इससे पहले ऐसा नहीं था खास तौर से 90 के अंत और साल 2000 शुरुआत में भारतीय टीम के पास कुछ एक गिने चुने तेज गेंदबाज ही थे जिनमें जवागल श्रीनाथ और जहीर खान नाम प्रमुख था।
इन्हीं तेज गेंदबाजों को लेकर भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने रेडिफ डॉट कॉम के साथ बातचीत में बताया कि उस दौर में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्गा से भी बेहतर जवागल श्रीनाथ थे।
पार्थिव ने कहा, ''श्रीनाथ और जहीर खान के खिलाफ विकेकीपिंग करना मेरे लिए हमेशा से मुश्किल रहा। उनकी गेंदबाजी में बहुत अधिक उछाल नहीं था लेकिन इसके बावजूद उनके पास गति बहुत थी, जिससे गेंद पकड़ने में काफी दिक्कत होती थी।''
उन्होंने कहा, ''लोग उस समय मैक्ग्रा के बारे में बात करते थे लेकिन जब मैंने श्रीभाई को देखा और तब मुझे समझ आया वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मैक्ग्रा कम नहीं हैं बल्कि उनसे बेहतर हैं।''
आपको बता दें कि साल 2000 में पार्थिव जब 17 साल के तभी उन्हें इंग्लैंड खिलाफ भारतीय टीम में डेब्यू करने का मौका मिल गया था। हालांकि पार्थिव, श्रीनाथ के साथ सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेल पाए जिसमें उन्होंने आखिरी बार कोलकाता के ईडन गार्डन्स में उनकी गेंदबाजी पर विकेटकीपिंग की थी।
श्रीनाथ ने 2003 विश्वकप के बाद क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वह भारत के लिए कुल 67 टेस्ट और 229 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने टेस्ट में 236 और वनडे में 315 विकेट लिए। श्रीनाथ अनिल कुंबले के बाद वनडे में सबसे अधिक विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज भी हैं।
इसके अलावा पार्थिव ने कहा कि कुंबले और हरभजन सिंह की गेंदबाजी के सामने भी विकेटकीपिंग करना आसान नहीं था। उनकी गेंदबाजी में असमान्य उछाल थी खासतौर से चेन्नई और मुंबई में उनकी गेंदबाजी पर विकेटकीपिंग करना काफी मुश्किल होता था।