जकाती को याद आया साल 2010 का IPL का फाइनल जब धोनी ने सचिन के लिए बनाया था यह खास प्लान
साल 2010 के आईपीएल फाइनल में जब सीएसके के कप्तान धोनी ने उस समय मुंबई के कप्तान रहे सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए एक खास प्लान बनाया था और वह इसमें सफल भी रहे थे।
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को लेकर कहा जाता है कि दोनों का संबंध साल 2011 विश्व कप जीतने के बाद से मजबूत हुआ था लेकिन कई क्रिकेट पंडितों का मानना है कि दोनों के बीच का संबंध उस समय से अच्छे रहे हैं जब राहुल द्रविड़ की जगह धोनी को लिमिटेड ओवरों का कप्तान बनाया था और इसमें सचिन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही थी।
यह किसी नहीं छिपा है कि धोनी बेशक भारतीय टीम के कप्तान रहे थे लेकिन जबतक सचिन उनकी कप्तानी में खेले धोनी को उनसे मैदान पर काफी मदद मिलती थी। हालांकि धोनी और सचिन के बीच कुछ सालों तक एक समय ऐसा भी रहा जब क्रिकेट के मैदान पर दोनों के बीच दोस्ताना संबंध नहीं रहे बल्कि वे एक दूसरे के प्रतिद्वंदी के तौर सामने आए और यह समय था इंडियन प्रीमियर लीग का जब दोनों ही खिलाड़ी अपनी-अपनी दोस्ती को भुलाकर पूरी तरह से पेशेवर तरीके से मैदान पर एक दूसरे के आमने-सामने होते थे।
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आपको बता दें कि धोनी लंबे से चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेल रहे हैं जबकि सचिन इस लीग में मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
ऐसा ही कुछ साल 2010 के आईपीएल फाइनल में देखने को मिला था जब सीएसके के कप्तान धोनी ने उस समय मुंबई के कप्तान रहे सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए एक खास प्लान बनाया था और वह इसमें सफल भी रहे थे। सीएसके की टीम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच को जीतकर अपना पहला खिताब भी जीता था।
10 साल बाद सीएसके टीम का हिस्सा रहे स्पिन गेंदबाज शादाब जकाती ने यह बताया कि कैसे इस फाइनल मैच में धोनी ने सचिन को पवेलिय भिजवाकर मैच को सीएकसे के पक्ष में कर दिया था।
लेफ्ट आर्म स्पिनर जकाती आईपीएल में धोनी के प्रमुख गेंदबाजों में एक हुआ करते थे। धोनी, जकाती को अक्सर मैच के पहले 10 ओवर में इस्तेमाल करते थे लेकिन 2010 के फाइनल में उन्होंने जकाती के ओवर को दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए बचाकर रखा था।
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विजडन इंडिया से बात करते हुए जकाती ने कहा, ''उस मैच में मेरा पहला दो ओवर काफी मंहगा साबित रहा था और 21 रन बन गए थे। उस समय मुंबई के लिए बाएं के हाथ के बल्लेबाज अभिषेक नायर खेल रहे थे तब धोनी ने मुझसे कहा कि अब वह मिडिल ओवर में गेंदबाजी करेंगे जब सचिन, अंबाटी रायडू और किरोन पोलार्ड बल्लेबाजी के लिए आएंगे। इससे पहले हमने मुंबई के दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ पहले से ही काफी तैयारी थी जिन्हें लेफ्ट आर्म स्पिनर के खिलाफ खेलने में परेशानी होती थी।''
इस फाइनल मुकाबले में मुंबई 169 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। मुंबई के लिए सचिन बल्लेबाजी कर रहे थे और वह अपने अर्द्धशतक के करीब थे मैच का 15 ओवर समाप्त हो चुका था। इसी बीच धोनी ने जकाती को ओवर फेंकने के लिए गेंद थमाई जिन्हें लेफ्ट आर्म स्पिनर को खेलने में परेशानी हो रही थी।
सचिन ने जकाती की पहली ही गेंद पर बाउंड्री हासिल किया और दूसरी गेंद पर वह बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया लेकिन वह चूक गए लॉन्ग ऑफ फील्डर के हाथों लपके गए। इस तरह सचिन आउट होकर पवेलियन लौट गए।
इसके तीन गेंद बाद ही जकाती ने सौरव तिवारी को अपना खाता खोलने से पहले ही चलता कर दिया। इस विकेट के साथ ही सीएसके एक बार फिर से मैच में अपनी वापसी कर ली।
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जकाती ने कहा, ''इस मैच में मैंने पोलार्ड को भी आउट किया। तब मैंने समझा कि धोनी एक ऐसे कप्तान हैं जिन्हें पता है कि उन्हें किस खिलाड़ी को कब इस्तेमाल करना और उससे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे निकलवाना है।''
आखिर में जकाती के इस शानदार गेंदबाजी के दमपर सीएसके ने इस मैच को 22 रन जीत लिया और आईपीएल का पहला खिताब अपने नाम किया था।
आपको बता दें कि जकाती साल 2009 से 2012 तक का हिस्सा रहे थे। इस दौरान उन्होंने इस टीम के लिए कुल 48 विकेट लिए।