बांग्लादेश के स्टार आलराउंडर शाकिब अल हसन पर पिछछले साल अक्टूबर में 2 साल का बैन लगा दिया था। शाकिब पर ये बैन भारतीय सट्टेबाज के संपर्क करने की जानकारी आईसीसी को नहीं देने के कारण लगाया गया था। इस मामलें में अब शाकिब अल हसन ने खेद प्रकट किया है।
शाकिब अल हसन ने खेद जताते हुए कहा है कि भारतीय सट्टेबाज के संपर्क करने की जानकारी आईसीसी को नहीं देना उनकी ‘बेवकूफाना गलती’ थी। बता दें, शाकिब पर दो साल के लिए बैन लगाया गया है जिसमें एक साल का निलंबित बैन शामिल हैं।
‘क्रिकबज इन कनवर्शेशन’ के दौरान शाकिब ने हर्षा भोगले से कहा, ‘‘जब मैं भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी से मिला तो मैंने संपर्क करने की घटना को काफी हल्के में लिया और उन्हें बता दिया और उन्हें सब पता है। उbन्हें सभी साक्ष्य दिए और जो हुआ उन्हें सब पता है।’’
आईसीसी की जांच के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यही एकमात्र कारण है कि मुझे एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया, अन्यथा मुझ पर पांच या 10 साल का प्रतिबंध लगता।’’ प्रतिबंध से पहले बेहतरीन फार्म में चल रहे शाकिब ने ब्रिटेन में 2019 विश्व कप में 606 रन बनाये थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह स्थिति से वह निपटे उस पर उन्हें खेद है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने बेवकूफाना गलती की क्योंकि अपने अनुभव और मैंने जितने अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी आचार संहिता की जितनी क्लास ली हैं उसके आधार पर मुझे फैसला करना चाहिए था।’’
इस घटना से सबक सीख चुके शाकिब ने सभी युवा क्रिकेटरों को सलाह दी कि इस तरह के संदेशों को कभी हल्के में नहीं लें। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसका खेद है। किसी को भी इस तरह के संदेशों या फोन (सट्टेबाजों के) को हल्के में नहीं लेना चाहिए या नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सुरक्षित रहने के लिए हमें इसकी जानकारी आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के अधिकारी को देनी चाहिए और मैंने यह सबक सीखा और मुझे लगता है कि यह बड़ा सबक है। ’’
गौरतलब है कि इंडियन प्रीमियर लीग के एक टूर्नामेंट के दौरान कथित भारतीय सट्टेबाज दीपक अग्रवाल ने शाकिब से संपर्क किया था, जिसकी जानकारी बांग्लादेशी खिलाड़ी ने आईसीसी के साथ साथ साझा नहीं की थी। यही वजह है कि उन्हें बैन किया गया 29 अक्टूबर को खत्म होगा।
(With PTI inputs)
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