EXCLUSIVE: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि- पृथ्वी शॉ
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का धमाकेदार आगाज करने वाले भारतीय सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ से सबको उम्मीद थी कि वह ऑस्ट्रेलिया में जाकर बाउंसी ट्रैक पर भी अपनी बल्लेबाजी से सबका मनोरंजन करेंगे, लेकिन सीरीज के शुरु होने से पहले प्रैक्टिस मैच में वह चोटिल हो गए।
वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का धमाकेदार आगाज करने वाले भारतीय सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ से सबको उम्मीद थी कि वह ऑस्ट्रेलिया में जाकर बाउंसी ट्रैक पर भी अपनी बल्लेबाजी से सबका मनोरंजन करेंगे, लेकिन सीरीज के शुरु होने से पहले प्रैक्टिस मैच में वह चोटिल हो गए। यह चोट इतनी गंभीर थी कि उन्हें टेस्ट सीरीज से ही बाहर होना पड़ा। मगर ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज हराने के बाद शॉ अब खुश हैं।
इंडिया टीवी से खास बातचीत करते हुए पृथ्वी शॉ ने कहा "भारतीय क्रिकेट टीम के रूप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। टीम संयोजन एकदम सही था। जिस तरह से गेंदबाजों ने गेंदबाजी की ... मैंने अपने क्रिकेट करियर में इस कैलिबर का तेज गेंदबाजी आक्रमण नहीं देखा। बल्लेबाजों ने भी टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया ... सभी ने एक समय या अलग-अलग मौकों पर परफॉर्म किया। कोहली भाई, पुजारा भाई, अजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत ... वे सभी अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहे थे। इतनी मेहनत से खेलने के बाद टेस्ट सीरीज जीतना वास्तव में अच्छा लगता है।"
चोट पर क्या बोले पृथ्वी शॉ:
इस दौरान पृथ्वी शॉ ने अपनी चोट के बारे में बात करते हुए कहा "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। सच कहें तो आप उसके बारे में कुछ नहीं कर सकते। ऑस्ट्रेलिया में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खेलना मेरी इच्छा थी। मुझे वहां बाउंस काफी पसंद है। लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे पैर में चोट लगी। लेकिन ठीक है, मैं बहुत खुश हूं कि भारत ने टेस्ट सीरीज जीती। इससे बेहतर और क्या हो सकता था।"
विस्तार में अपनी चोट के बारे में बताते हुए शॉ ने कहा "हम पहले टेस्ट मैच से पहले सिडनी में अभ्यास मैच खेल रहे थे। मैं डीप मिड विकेट पर खड़ा था और ऐश भाई (आर अश्विन) गेंदबाजी कर रहे थे तभी एक कैच मेरी तरफ आया। मैंने हवा में पीछे की ओर उछलते हुए गेंद को पकड़ा और जब मैंने लैंड किया तो मेरे शरीर का भार मेरे बाएं पैर पर पड़ा। यह थोड़ा मुश्किल था और मेरा टखना 90 डिग्री तक मुड़ गया और पूरा बॉडीवेट उसी पर गिर गया। मैं दूसरे टेस्ट में खेलने की पूरी कोशिश कर रहा था और फिजियो भी मुझे मैच के लिए फिट होने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, जितना अधिक उन्होंने कोशिश की, सूजन उतनी बढ़ गई और उसमें अधिक दर्द होने लगा। इसलिए, मैंने सोचा कि अगर मैं खेलता हूं तो भी मैं अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाऊंगा क्योंकि उस दर्द के साथ खेलना आसान नहीं था।"
चोट लगने के बाद शॉ काफी निराश हो गए थे। हालांकि इस दौरान साथी खिलाड़ियों का उन्हें समर्थन मिला। खुद पृथ्वी शॉ ने इस बात को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "मुझे उस समय पूरी टीम का सपोर्ट मिला क्योंकि मैं चोट से बहुत निराश था। मैंने दौरे के लिए कठिन अभ्यास किया था और मेरे दिमाग में कई चीजें थीं जो मुझे लगता था कि मैं वहां करूंगा। तो, यह निराशाजनक था। लेकिन हां, अब मैं खुश हूं कि हमने सीरीज जीती।"
आईपीएल को लेकर शॉ ने कहा कि वे तब तक फिट हो जाएंगे। उन्होंने कहा,"मैं इंडियन प्रीमियर लीग से पहले फिट हो जाऊंगा और पूरी फिटनेस तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं। मैं अपने टखने के साथ-साथ अपने ऊपरी शरीर पर भी काम कर रहा हूं।"
(As told to IndiaTV Sports Correspondent Vaibhav Bhola)