अति जोश पर काबू पा लेगा ईशांत : कोच श्रवण कुमार
नयी दिल्ली: ईशांत शर्मा के बचपन के कोच श्रवण कुमार का मानना है कि श्रीलंका के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला यह तेज गेंदबाज अपने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में है और अपनी इस नयी
नयी दिल्ली: ईशांत शर्मा के बचपन के कोच श्रवण कुमार का मानना है कि श्रीलंका के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला यह तेज गेंदबाज अपने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में है और अपनी इस नयी आक्रामकता को भी जल्दी ही काबू में कर लेगा ।
ईशांत ने श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 13 विकेट लिये और कोलंबो में आखिरी टेस्ट में मैन आफ द मैच भी रहे । भारत ने 22 साल बाद श्रीलंकाई सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीती । इसी मैच में हालांकि विरोधी खिलाडि़यों से मैदान पर उलझने के कारण उन पर एक टेस्ट का प्रतिबंध लग गया और वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नवंबर में पहला टेस्ट नहीं खेल सकेंगे ।
श्रवण ने भाषा से कहा , मैने भी पहली बार उसे इस तरह आपा खोते देखा । वह इतना आक्रामक कभी नहीं था लेकिन वह इस पर नियंत्रण कर लेगा क्योंकि वह काफी परिपक्व हो गया है । कप्तानी में बदलाव भी इसका कारण हो सकता है क्योंकि पहले धोनी कैप्टन कूल थे और अब नया टेस्ट कप्तान विराट कोहली खुद काफी आक्रामक है ।
उन्होंने हालांकि कहा कि ईशांत नये तेज गेंदबाजों के मेंटर की भूमिका बखूबी निभा रहा है और अपने कैरियर के सर्वश्रेष्ठ दौर में है ।
श्रवण ने कहा , इसमें कोई शक नहीं कि यह उसके कैरियर का सर्वश्रेष्ठ दौर है । वह काफी अनुभवी है और फिटनेस भी बेहतरीन है । नये गेंदबाजों को उससे प्रेरणा मिलेगी और दोनों छोर से अच्छी गेंदबाजी भारतीय क्रिकेट के लिये अच्छा संकेत है । उसके साथ उमेश यादव ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया ।
उन्होंने कहा , उपमहाद्वीप की पिचें आम तौर पर स्पिनरों की मददगार होती है लेकिन तीसरे टेस्ट की पिच पर घास थी जिसका तेज गेंदबाजों को पूरा फायदा मिला ।
यह पूछने पर कि क्या ईशांत ने अपनी गेंदबाजी में कोई बदलाव किया है , उन्होंने ना में जवाब दिया । उन्होंने कहा , कोई खास बदलाव नहीं किया । बस इस बार अभ्यास पर ज्यादा फोकस किया और रन अप छोटा किया । लाइन और लैंग्थ पर भी ध्यान दिया जिससे तीनों मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर सका ।
श्रवण ने यह भी कहा कि ईशांत ने श्रीलंका जाने से पहले उनसे किया वादा भी निभाया । उन्होंने कहा , श्रीलंका जाने से पहले जब वह मुझसे मिलने आया था तब मैने उससे 200 टेस्ट विकेट पूरी करने को कहा था । उसने कहा कि इस बार पूरी करके ही लौटूंगा और उसने अपना वादा निभाया । एक कोच के लिये इससे खुशी की बात क्या हो सकती है ।