जेम्स फॉकनर ने जब एक ओवर में जड़े 30 रन तो गर्लफ्रेंड को कॉल कर रोए थे इशांत शर्मा
इशांत शर्मा का मानना है की जब ऑस्ट्रेलिया के जेम्स फॉकनर ने साल 2013 में उनके ओवर में 30 रन जड़कर मैच भारत को हराया था। उस समय उन्हें अपने देश को धोखा देना जैसा महसूस हो रहा था।
भारतीय टेस्ट टीम के सीनियर तेज गेंदबाज इशांत शर्मा का मानना है की जब ऑस्ट्रेलिया के जेम्स फॉकनर ने साल 2013 में उनके ओवर में 30 रन जड़कर मैच भारत को हराया था। उस समय उन्हें अपने देश को धोखा देना जैसा महसूस हो रहा था। हलांकि इशांत ने इस ओवर के बाद से काफी सीखा और अब इसे अपने करियर का गेम चेंजर मूमेंट ( टर्निंग पॉइंट ) भी मानते हैं।
ऐसे में फॉकनर के उस ओवर को याद करते हुए इशांत ने ईएसपीऍन क्रिकिंफो पर दीप दास गुप्ता से बातचीत में कहा, "मेरे जीवन का टर्निंग पॉइंट समय साल 2013 में आया। जब फॉकनर ने मेरे ओवर में वनडे क्रिकेट में 30 रन जड़कर ऑस्ट्रेलिया को मोहाली में मैच जिता दिया था।"
गौरतलब है कि मोहाली में खेले जाने वाले तीसरे वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया को 18 गेंदों में 44 रन बनाने थे। तभी धोनी ने गेंदबाजी इशांत को दी और उनके एक ओवर में 4 छक्के जड़कर फॉकनर ने 30 रन बनाए। जिसके चलते मैच की बाजी पलट गई और भारत को हार का सामना करना पड़ा। इस तरह फॉकनर को महज 29 गेंदों में 64 रन बनाने के चलते मैन ऑफ़ द मैच भी चुना गया था। जबकि दूसरी तरफ इस मैच के बाद इशांत शर्मा को वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था और उनका आत्मविश्वास भी काफी बिखर गया था।
जिसके बारे में इशांत ने कहा, "उस समय मुझे लगा कि मैंने अपने और अपने देश के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने आगे बताया कि वह मोहाली वनडे के बाद दो से तीन सप्ताह तक रोया था। “दो-तीन हफ्तों के लिए, मैंने किसी से बात नहीं की। मैं बहुत सख्त हूं। मेरी माँ कहती है कि उसने मुझसे ज्यादा हार्ड व्यक्ति नहीं देखा है। [लेकिन] मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को फोन किया और एक बच्चे की तरह फोन पर रोया। वो तीन हफ्ते एक बुरे सपने की तरह थे। मैंने खाना बंद कर दिया। मैं सो नहीं सकता था या कुछ और कर सकता था। आप टेलीविजन पर स्विच करते हैं और लोग आपकी आलोचना कर रहे हैं, जो आपको और अधिक कष्ट पहुंचता है।"
इस तरह फॉकनर के ओवर से निकलकर इशांत ने बाद में शानदार वापसी की और इस समय टीम इंडिया की टेस्ट टीम में बतौर सीनियर गेंदबाज वो प्रमुख रूप से शामिल हैं।
ऐसे में अपनी वापसी के बारे में इशांत ने कहा, "मैं इसके बारे में अब हँसता हूँ और मैं इसे कभी - कभी आशीर्वाद भी मानता हूँ। कभी-कभी आपको अपने जुनून को समझने के लिए एक झटके की आवश्यकता होती है। फॉल्कनर घटना के बाद, मैं अपने जीवन में बड़े बदलावों से गुजरा। 2013 के बाद, मैंने चीजों को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। इससे पहले, अगर मेरा प्रदर्शन खराब था, तो लोग आएंगे और मुझे बताएंगे कि हाँ ठीक है, ऐसा होता है। ’लेकिन 2013 के बाद, अगर कोई मेरे पास आया और उसने कहा, तो मैं नहीं सुनूंगा। अगर मुझसे कोई गलती हुई है, तो मैंने गलती की है। मैंने अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी शुरू कर दी। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप इसे टीम के लिए जीतने के लिए हर मैच खेलते हैं।"
बता दें कि इशांत शर्मा टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट लेने वाले गेंदबाजों के क्लब में शामिल होने से सिर्फ तीन कदम दूर हैं।