A
Hindi News खेल क्रिकेट क्या T20 से अंपायर की जान को ख़तरा है'

क्या T20 से अंपायर की जान को ख़तरा है'

क्रिकेट जगत में ये बहस ज़ोर पकड़ती जा रही है कि क्या T20 क्रिकेट से अंपायरों की जान को ख़तरा है और क्या अंपायरों की जान को बचाने के लिए नियमें में बदलाव करना चाहिए?

क्या T20 से अंपायर की जान...- India TV Hindi क्या T20 से अंपायर की जान को ख़तरा है?

क्रिकेट जगत में ये बहस ज़ोर पकड़ती जा रही है कि क्या T20 क्रिकेट से अंपायरों की जान को ख़तरा है और क्या अंपायरों की जान को बचाने के लिए नियमें में बदलाव करना चाहिए?

ऑस्ट्रेलिया के चीफ़ सिलेक्टर रॉड मार्श का मानना है कि T20 की लोकप्रियता के बाद अंपायरों की जान जोखिम में है और उन्हें बचाने के लिए नियमों में फ़ौरन फ़ेरबदल करना चाहिए।

BBC के अनुसार मार्श का कहना है कि T20 में ताबतोड़ बल्लेबाज़ी होती जिसकी वजह से अंपायर की जान जा सकती है। अंपायर की जान भले ही न जाए लेकिन वह कभी भी बुरी तरह घायल हो सकता है।

मार्श 1970-84 में बतौर विकेटकीपर ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते थे। उनका मानना है कि T20 में बल्लेबाज़ को मजबूरन ज़ोरदार शॉट लगाने होते हैं। “आप खुद को अंपायर की जगह रख के देखें जब एक बल्लेबाज़ पूरी दम लगाकर स्ट्रेट ड्राइव लगाता है जो सीने की ऊंचाई पर होती है।”

“मैं तो जितना संभव हो सके उतने पीछे खड़े रहना पसंद करुंगा। अगर back-foot नियम को फिर से लागू कर दिया जाए तो अंपायर कम से कम दो मीटर और पीछे खड़ा हो सकता है।

मार्श ने कहा  “अगर मुझे अंपायरिंग करनी पड़े तो मैं बेसबॉल हेल्मेट, चेस्ट पैड, शिन गार्ड और एब्डॉमिनल गार्ड पहनुंगा। हमें सभी अंतरराष्ट्रीय और फर्स्ट क्लास मैचों के लिए ये सुरक्षा उपकरण अनिवार्य कर देनें चाहिए।

पहले पिछला पैर बॉलिंग क्रीज़ से बाहर होने पर नो बॉल दी जाती जाती थी लेकिन 1962 में इसे बदल दिया गया और अब अगला पैर बॉलिंग क्रीज़ से बाहर होने पर नो बॉल होती है।

ऑस्ट्रेलिया के इयान चैपल ने अपने क़लम में लिखा है कि बैक फुट नियम फिर से लागू करने से न सिर्फ नो बॉल कम हो जाएंगी बल्कि ओवर रेट भी बढ़ जाएगा और अंपायर को दूसरे फैसलों पर सोचने का भी ज़्यादा समय मिलेगा।

 

Latest Cricket News