IPL-10: क्या धोनी पुणे टीम की चौखट पर खड़े हैं...?
नयी दिल्ली: एक समय इंडियन क्रिकेट के पोस्टर बॉय रह चुके महेंद्र सिंह धोनी अब न तो टेस्ट मैच खेलते हैं और न ही अब वनडे-टी20 टीम की कप्तानी उनके हाथ में है। और तो
नयी दिल्ली: एक समय इंडियन क्रिकेट के पोस्टर बॉय रह चुके महेंद्र सिंह धोनी अब न तो टेस्ट मैच खेलते हैं और न ही अब वनडे-टी20 टीम की कप्तानी उनके हाथ में है। और तो और वह अब IPL में पुणे राइज़िंग सुपजाइंट्स के कप्तान भी नही रहे हैं। उनकी जगह स्टीवन स्मिथ को कमान सौंप दी गई है।
अटकलों का बाज़ार गर्म है कि धोनी पुणे टीम की चौखट पर खड़े हैं यानी दरवाज़े कभी भी बंद हो सकते हैं।
अब ज़रा पुणे टीम के मालिक संजीव गोयनका के इस बयान पर ग़ौर फ़रमाया जाय। उनसे जब पूछा गया कि आखिर धोनी को हटाने की क्या वजह है तो उन्होंने कहा, ''मुझे पूरा विश्वास है उनका आउटपुट बहुत अच्छा होगा। कप्तानी पर बहुत चर्चा हो चुकी है और जितना जिसको कहना था कह दिया।''
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यहां गोयनका का ये कहना ''उनका आउटपुट बहुत अच्छा होगा'' बहुत कुछ कहता है।
दरअसल IPL एक कारोबार है जहा कारोबारी (टीम मालिक) पैसा लगाकर और पैसा कमाना चाहता है, यहां इमोशंस की न तो कोई क़ीमत है और न ही कोई जगह। आप अगर मालिक को पैसा कमाकर दे सकते हैं तो आप उसके दुलारे हैं और अगर आप बोझ बन जाते हैं तो मालिक आपको झटकने में समय नही लगाएगा। धोनी एक स्टार हैं, उनकी ज़बरदस्त फ़ैन फ़ालोइंग है मगर गोयनका को इससे कोई सरोकार नही है क्योंकि उन्हें धोनी से ''बहुत अच्छे आउटपुट'' की अपेक्षा है। सीधी सी बात है गोयनका चाहते हैं कि धोनी अगर मैच जिताऊ पारी खेल सकते हैं तो ठीक वर्ना.......।
इस परिप्रेक्ष में पूर्व कप्तान सौरव गागुंली पर नज़र डालना दिलचस्प होगा। गांगुली को शाहरुख़ ख़ान ने अपनी टीम कोलकता नाइट राइडर्स का कप्तान बनाया लेकिन जब वह बोझ लगने लगे तो उन्हें बहुत ख़ूबसूरती से बाहर भी कर दिया। वह IPL के तीन सीज़न तक कोलकता के कप्तान रहे। 2011 में वह पुणे वॉरिअर्स (सहारा मालिक) में चले गए लेकिन वहां भी उनकी उम्र उनके प्रदर्शन के आड़े आने लगी।
धोनी पुणे से जुड़ने के पहले चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान थे और उन्होंने दो बार इसे चैंपियन भी बनवाया। मैच फिक्सिंग के आरोप की वजह से चेनन्ई कुछ साल के लिए IPL से बाहर है। पुणे को उम्मीद थी कि धोनी पुणे को भी चैंपियन बनवा देंगे लेकिन पिछले साल वह पाइंट टेबल पर नीचे से दूसरे नंबर पर रही।
धोनी ने पिछले साल पुणे के लिए 14 मैच खेले और 40.57 की औसत से 284 रन बनाए थे। वही अजंक्य रहाणे ने इतने ही मैचों में 43.63 की औसत से 480 रन बनाए थे। इसी तरह मौजूदा कप्तान स्मिथ ने 8 मैचों में 45.00 की औसत से 270 रन बनाए जिसमें 101 उनका सर्वाधिक स्कोर रहा।
इन आंकड़ो से धोनी चुके से नज़र आते हैं। खेल के इस प्रारुप में धोनी से इससे कहीं ज़्यादा अपेक्षा की जाती है। अब अगर गोयनका कहते हैं कि धोनी से ''बहुत अच्छे आउटपुट'' की अपेक्षा है तो मतलब साफ है, अच्छे से काम नहीं चलेगा क्योंकि ''अच्छे से'' टीम चैंपियन नहीं बन सकती और अच्छा खेलने वाले टीम में बहुत हैं।
कुल मिलाकर धोनी के बारे में कहा जा सकता है कि IPL मे उनका भविष्य दीवार पर लिखी इबारत की तरह साफ है ''बहुत अच्छा आउटपुट'' दो या बाहर हो जाओ।
अंग्रेज़ी में एक कहावत है- Success has so many fathers but failure dies alone-यानी सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता गुमनामी के अंधेरे में दम तोड़ती है।