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IPL: तो ये है मैच जीतने का कारगर नुस्ख़ा

नयी दिल्ली: इंडियन प्रेमियर लीग का नौवां संस्करण आधा सफ़र तय कर चुका है और टीमें अपने हिस्से के आधे या इससे अधिक लीग मैच खेल चुकी हैं। इस बार टीमों के प्रदर्शन को लेकर

Rishabh Pant of Delhi Daredevils- India TV Hindi Rishabh Pant of Delhi Daredevils

नयी दिल्ली: इंडियन प्रेमियर लीग का नौवां संस्करण आधा सफ़र तय कर चुका है और टीमें अपने हिस्से के आधे या इससे अधिक लीग मैच खेल चुकी हैं। इस बार टीमों के प्रदर्शन को लेकर क्रिकेट पंडित मात खा गए क्योंकि जहां एक ओर धुरंदर टीमों के नॉक आउट स्टेज में पहुंचने के लाले पड़ रहे हैं वहीं हमेशा अंक तालिका में नीचे रहने वाली डेहली डेयरडेविल्स सात में से 5 मैच जीतकर दूसरे नंबर पर विराजमान है जबकि प्रतियोगिता के शुरु होने पर किसी ने भी उसे ख़ातिर में नहीं लिया था।

टी20 मूलत: बल्लेबाज़ों का गैम है जहां बॉलर्स अक्सर लाचारगी के मारे नज़र आते हैं। अच्छे से अच्छे बॉलर को पुछल्ला बल्लेबाज़ धुनकर अपनी टीम को हैरअंगेज़ जीत दिला देता है।

अब तक हुए 31 मैचों में एक रोचक बात सामने निकलकर आई है। 22 मैच वो टीमें जीती हैं जिन्होंने लक्ष्य का पीछा किया और 17 मैचों में वो टीम जीती है जिसने टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का फ़ैसला किया। 5 ऐसे भी मैच हुए हैं जहां टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की और मैच हार गई।

पिछले साल IPL-8 में स्थिति अलग थी। 2015 में 56 में से 32 मैच पहले बैटिंग करने वाली टीम जीती थी जबकि 24 मैच बाद में बैटिंग करने वाली टीम जीती थी। तीन मैच के कोई नतीजे नहीं निकले थे जबकि एक मैच टाई हुआ था जिसे पंजाब ने सुपर ओवर में जीता था।

तो क्या वजह है इस नुस्ख़े की कामयाबी  

सरसरी तौर पर देखें तो कहा जा सकता है बल्लेबाज़ अब गेंदबाज़ों की अपेक्षा कहीं ज़्यादा होशियार हो गए हैं और उन्होंने स्थिति के अनुसार ख़ुद को ढालना सीख लिया है। बाद में बैटिंग करने का एक तो ये फ़ायदा होता है कि आपको पिच के बारे में अच्छी जानकारी मिल चुकी होती और आप उसी के अनुरुप अपने शॉट खेलते हैं और कप्तान के पास हमेशा बैटिंग लाइन अप में स्थिति अनुसार फेरबदल करने का विकल्प होता है। बल्लेबाज़ को लक्ष्य मालूम होता है और वह कठिन परिस्थिति में जोख़िम उठाकर शॉट खेलकर टीम को या तो संकट से उबार लेता है या फिर ये काम आने वाले बल्लेबाज़ पर छोड़ देता है।

पहले बैटिग करने में सबसे बड़ा जोख़िम ये होता है कि आपको मालूम ही नही होता कि कितना स्कोर सुरक्षित रहेगा। इस संस्करण में कुछ ऐसे भी मैच देखने को मिले हैं जब बड़ा स्कोर खड़ा करके भी टीम हार गई।

फ़िलहाल तो मौजूदा प्रतियोगिता में जीत का एक ही नुस्ख़ा नज़र आता है और वो है अगर टॉस जीतो तो लक्ष्य का पीछा करो यानी बाद में बैटिंग करो।  

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