IPL Match fixing: क्या है जस्टिस लोढ़ा समिति का फ़ैसला
IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले पर जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने फैसला सुना हुए चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर 2 साल का बैन लगाया है। साथ ही गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को स्पॉट फिक्सिंग में
IPL स्पॉट फिक्सिंग में कब, क्या हुआ ?
14 जुलाई 2015: स्पॉट फिक्सिंग में मयप्पन और कुंद्रा पर आजीवन बैन लगा।
22 जनवरी 2015: सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को आईपीएल में सट्टेबाजी का दोषी माना। सजा तय करने के लिए जस्टिस आर.एम. लोढ़ा की अगुवाई में कमेटी बनाई गई।
3 नवंबर 2014: मुद्गल कमेटी ने रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी।
7 अक्टूबर 2013: सुप्रीम कोर्ट ने फिक्सिंग मामले की जांच के लिए जस्टिस मुदगल कमेटी बनाई।
13 सितंबर 2013: बीसीसीआई ने श्रीसंत और चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाया।
5 अगस्त 2013: बीसीसीआई ने दो जजों की कमेटी की जांच रिपोर्ट को खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
30 जुलाई 2013: बिहार क्रिकेट संघ के अध्यक्ष आदित्य वर्मा ने बीसीसीआई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कमेटी की जांच रिपोर्ट खारिज की।
28 जुलाई 2013: बीसीसीआई की बनाई जजों की कमेटी ने राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स को क्लीन चिट दी।
11 जून 2013: श्रीसंत और अंकित चव्हाण जेल से जमानत पर रिहा हुए।
2 जून 2013: BCCI की बैठक में फ्रेंचाइजी की जांच के लिए दो रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाई गई।
24 मई 2013: एन. श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन को मुंबई पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
21 मई 2013: सट्टेबाजों के साथ संबंध होने के आरोप में एक्टर विंदू दारा सिंह मुंबई में गिरफ़्तार हुए।
16 मई 2013: स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में राजस्थान रॉयल्स के तीन क्रिकेटर एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजित चंडिला गिरफ़्तार हुए।
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