नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति द्वारा सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा लेने से निलंबित किये गये राजस्थान रायल्स के पूर्व सह मालिक राज कुंद्रा ने आज कहा कि उन्हें गलत समझा गया।
लोढ़ा पैनल ने कल अपने फैसले में चेन्नई सुपरकिंग्स ओर राजस्थान रायल्स को 2013 के स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामले में दो साल के लिये आईपीएल से निलंबित कर दिया था।
कुंद्रा ने बयान में कहा, आज का दिन मेरे लिये काफी निराशाजनक और दुखद है क्योंकि मेरी निष्ठा पर सवाल उठाया गया है और लगता है कि इस जांच में मेरे सहयोग का उलटा असर पड़ा।
चेन्नई टीम के पूर्व प्रिंसिपल और आईसीसी चेयरमैन एन श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन और कुंद्रा को बीसीसीआई से जुड़ी किसी भी क्रिकेट गतिविधि से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कुंद्रा ने कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय और न्यायिक प्रक्रिया के प्रति मेरे दिल में बहुत सम्मान है, दुर्भाग्यवध इस मामले में मुझे लगता है कि मुझे गलत समझा गया। मैं उनसे उन सबूतों को साझा करने का आग्रह करूंगा जो उन्होंने मेरे खिलाफ जुटाये ताकि मुझे कम से कम यह तो पता चले कि किस आधार पर मेरी कड़ी मेहनत से अर्जित ख्याति को नुकसान पहुंचाया गया। वैसे भी भारत में क्रिकेट से मैंने नाता तोड़ दिया है।
उन्होंने कहा, मैंने पहले दिन से हमेशा मुदगल समिति की सहयोग और मदद की। यह बेहद निराशाजनक है कि मेरे खिलाफ किसी तरह का सबूत नहीं होने के बावजूद मुझे फिर भी दोषी ठहराया गया। मुझे अभी तक उनकी अंतिम रिपोर्ट की प्रति नहीं मिली है जिसमें मेरे खिलाफ व्यापक निष्कर्ष दर्ज किये गये हैं।
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