नई दिल्ली। सुंदरम रवि और उल्हास गंधे की गलतियों से आईपीएल में अंपायरिंग के स्तर पर सवाल उठे हैं लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने सार्वजनिक तौर पर अपना गुस्सा जाहिर करके इस बहस को जन्म दे दिया है कि क्या स्टार खिलाड़ी मैच अधिकारियों को आसानी से धमका देते हैं।
अपने सुनहरे कैरियर में पहली बार दो बार के विश्व कप विजेता पूर्व भारतीय कप्तान धोनी मैदान पर अंपायर गंधे से उलझ गए जिन्होंने गुरूवार की रात आईपीएल मैच में नोबाल देने के बाद वापिस ले ली थी।
मशहूर अंपायर के हरिहरन ने कहा, ‘‘स्टार खिलाड़ी अंपायरों पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं लेकिन अंपायरों को देखना है कि वे दबाव में आते हैं या नहीं। यह अंपायर की शख्सियत पर निर्भर करता है।’’
इससे पहले विराट कोहली ने एक अन्य मैच में लसिथ मलिंगा की नोबाल पर ध्यान नहीं देने पर आईसीसी एलीट पैनल के अंपायर रवि पर अपना गुस्सा निकाला था। कोहली ने कहा था, ‘‘हम क्लब क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं। अंपायरों को चतुराई से काम लेना होगा।’’
कोहली को फटकार भी नहीं लगी जबकि आईसीसी आचार संहिता के तहत खिलाड़ी अंपायर के फैसले की सार्वजनिक तौर पर निंदा नहीं कर सकता। हरिहरन ने हालांकि कहा कि सभी अंपायर स्टार खिलाड़ियों के दबाव में नहीं आते और जो अपने फैसलों पर अडिग रहते हैं, उन्हें सम्मान मिलता है।
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