साल बदलें, कप्तान बदलें, लेकिन नहीं बदली आरसीबी की गलतियां! जानें उनकी हार के 5 बड़े कारण
आईपीएल-12 के अभी तक खेल गये चार मैचों में कोहली की टीम आरसीबी एक भी मैच नही जीत पाई है। इसलिए आज हम आपको बतायेंगे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम की गलतियों के बारें में। जिसके चलते उसे हर मैच में हार का मूहं देखना पड़ रहा है।
इंडियन प्रीमियर लीग का 12वां सीज़न जारी है। मगर विराट कोहली की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ( आरसीबी ) की किस्मत बदलने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 11 साल से ख़िताब जीत का सपना लिए टीम इस बार भी एक जीत के लिए मैदान में तरसती नजर आ रही है। कप्तानी हो, बल्लेबाज़ी हो, गेंदबाजी हो या क्षेत्ररक्षण चारों विभागों में टीम का रिपोर्ट कार्ड अभी तक बेहद ही खराब रहा है। जिसके चलते समय रहते अगर आरसीबी ने सुधार नहीं किया तो इस बार भी आईपीएल के प्लेऑफ तक पहुँचने तक को मोहताज़ हो जाएगी।
आईपीएल-12 के अभी तक खेल गये चार मैचों में कोहली की टीम आरसीबी एक भी मैच नही जीत पाई है। इसलिए आज हम आपको बतायेंगे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम की गलतियों के बारें में। जिसके चलते उसे हर मैच में हार का मूहं देखना पड़ रहा है।
नीलामी में फिर हुए फेल
आरसीबी ने आईपीएल 2019 की शुरुआत से पहले हुई नीलामी में हर बार की तरह इस बार भी बल्लेबाजों को ज्यादा तरजीह दी। जिसमें एक भी धाकड़ गेंदबाज़ नहीं खरीदा। अब नतीजा यह है की हर मैच में आरसीबी को विकेट निकालने वाले गेदबाज़ो की भारी कमी महसूस हो रही है। इसके अलावा टीम में साउथी, नाथन कुल्टर नाइल जैसे बेहतरीन गेंदबाज़ विदेशी खिलाड़ियों के टीम में सिर्फ 4 का कोटा होने के कारण नहीं खेल पा रहे है। वही, नीलामी में आरसीबी ने शेमरन हेटमेयर, शिवम् दुबे, देवदत्त पड़ीक्कल, हेनरिक क्लासेन, गुरकीरत सिंह, हिम्मत सिंह और प्रयास राय बर्मन को खरीदा। लेकिन अनुभवी गेंदबाज़ को टीम में लेना फिर से भूल गई।
सिर्फ एक टॉप क्लास स्पिन गेंदबाज़ के साथ आईपीएल खेलना
आरसीबी की टीम में यजुवेंद्र चहल एक मात्र अन्तराष्ट्रीय स्तर के बेहतरीन स्पिन गेंदबाज़ शामिल है। उनका साथ देने वाला कोई भी जोड़ीदार टीम में मौजूद नहीं है। उन्होंने अपने प्रदर्शन से टीम को काफी राहत दी है, मगर जीत तक पहुँचाने के लिए आरसीबी को हर मैच में एक स्पिंग गेंदबाज़ की कमी खली है। चहल ने आरसीबी की तरफ से खेले 4 मैचों में 8 विकेट हासिल किये है। वर्तमान में उनके पास आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली पर्पल कैप भी मौजूद है। अफ़सोस इस बात का है एक भी मैच में वो टीम को जीत नहीं दिला पाए। वही, टीम में शामिल मोईन अली भारतीय पिचों पर जरा भी असरदार साबित नहीं हो रहे है। यह भी एक प्रमुख कारण है, जिसके चलते आरसीबी को चेन्नई, मुम्बई, हैदराबाद और कल राजस्थान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
बल्लेबाज़ी और प्लेयिंग 11 भी है समस्या
आरसीबी ने सीज़न का श्रीगणेश ही खराब बल्लेबाज़ी के साथ किया था। चेनई सुपर किंग्स के खिलाफ कोहली की विराट टीम महज़ 70 रन पर ढेर हो गई थी। जिस मैच को चेन्नई ने आसानी से अपने नाम कर लिया था। इसके बाद दूसरे मैच में कप्तान कोहली और एबी डिविलियर्स ने अच्छी बल्लेबाज़ी की मगर मुम्बई इंडियंस के सामने करीबी हार का सामना करना पड़ा। तीसरे मैच में हैदराबाद के खिलाफ फिर एक बार टीम 113 रनों पर ढेर हो गई। जिसमें 200 से अधिक का टारगेट हासिल करना था। इनके लिए बल्लेबाज़ी में शेमरन हेटमेयर विलेन साबित हुए। उन्हें जिस तरह का कैरिबियाई बल्लेबाज़ समझ कर टीम में शामिल किया गया था। वह उस पर सोलह आना तो दूर एक आना भी खरा नहीं उतर पाए। हेटमेयर ने 4 मैचों में सिर्फ 15 रन बनाये है। जिसमे एक भी बार दहाई के अंक को नहीं छू पाए। ऐसे में आरसीबी के कप्तान विराट कोहली को अगर आईपीएल जीतना है तो बल्लेबाज़ी में नए तरकस ढूँढ कर लाने होंगे।
कोहली की कप्तानी के असफल फैसलें
आरसीबी के लिए कोहली पिछले 8 साल से कप्तानी कर रहे हैं। मगर टीम को ख़िताबी जीत दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। बकौल भारतीय कप्तान तो उन्होंने कई मुकाम हासिल किये हैं। मगर आरसीबी के लिए वह कुछ अच्छा नहीं कर पा रहे है। मैच के दौरान वो कई ऐसे फैसले लेते हैं। जिसके चलते टीम को शायद हार का सामना करना पड़ता है।
इसका एक उदाहरण कल कोहली की कप्तानी के 100वें मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ भी देखने को मिला। उन्हें अच्छे से ज्ञात है की जोस बटलर स्पिन गेंदबाजी में फंसते नजर आते हैं। ऐसे में तेज़ गेंदबाजी को पॉवर प्ले के दौरान फेल होता देख, कोहली ने टीम के मुख्य स्पिन गेंदबाज़ यजुवेंद्र चहल को क्यों नहीं लगाया।
इसके अलावा टीम की प्लेयिंग 11 में 4 बेहतरीन विदेशी खिलाड़ियों का चयन भी आरसीबी के लिए समस्या बना हुआ है। इस तरह की कई गलतियाँ मैदान में कप्तान कोहली से निरंतर होती आ रही है। जिसके चलते उन्हें हार का मूहं देखना पद रहा है।
क्या खल रही है कोहली को यह ‘विराट’ कमी
ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या कोहली को कप्तानी में अभी भी एक सलाहकार की कमी खल रही है? क्या वो अकेले मैदान में कप्तानी कर पाने में अभी सक्षम नहीं हुए हैं? क्योंकि टीम इंडिया में कप्तानी करते वक़्त उन्हें उपकप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी का काफी साथ मिलता है। जिसके चलते वह बेबाक फैसले लेते चले जाते है। आरसीबी की टीम में देखा जाए तो कोहली को समझाने वाला कोई भी अनुभवी शख्स मैदान में नहीं होता है। डिविलियर्स जरूर है लेकिन कप्तानी में शायद वो इतनी मदद कोहली की नहीं कर पाते। यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
इस तरह अगर आरसीबी को वापस जीत की पटरी पर लौटना है तो कप्तान कोहली को कुछ अहम फैसलें लेने होंगे। जिसमें टीम में साउथी और नाथन कुल्टर जैसे गेंदबाजों को शामिल करना होगा। साथ ही बल्लेबाज़ी में भी कुछ युवा बल्लेबाजों को मौका देकर नया करना होगा। जिससे आरसीबी सीज़न 12 के प्लेऑफ की दौड़ में बनी रहे।