IPL 2019: जानें कैसे नीलामी से लेकर युवा खिलाड़ियों पर भरोसे ने दिल्ली कैपिटल्स में जगाई पहला खिताब जीतने की उम्मीद
दिल्ली ने आखिरी बार प्लेऑफ में अपनी जगह 2012 में वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में बनाई थी। उस सीजन में दिल्ली 16 में से 11 मैच जीतकर प्वॉइंट्स टेबल में टॉप पर थी।
दिल्ली कैपिटल्स वो टीम है जो पिछले साल तक दिल्ली डेयरडेविल्स के नाम से जानी जाती थी। पिछले काफी समय से दिल्ली का परफॉर्मेंस बेहद बेकार था। दिल्ली ने आखिरी बार प्लेऑफ में अपनी जगह पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में बनाई थी। उस सीजन में दिल्ली 16 में से 11 मैच जीतकर प्वॉइंट्स टेबल में टॉप पर थी।
लेकिन अगले साल सहवाग के जाने के बाद टीम अच्छा नहीं कर पाई। टीम लगातार नीलामी में अपने बड़े खिलाड़ियों को बेच रही थी। 2013 में दिल्ली ने श्रीलंकाई खिलाड़ी महेला जयवर्धने की कप्तानी में आईपीएल खेला और 16 में से मात्र 3 ही मैच जीते। उस सीजन में दिल्ली आसमान से आकर सीधा जमीं पर गिरी थी। प्वॉइंट्स टेबल में दिल्ली सबसे निचले पायदान पर थी।
2014 में दिल्ली ने एक बार फिर कप्तान बदला, लेकिन दिल्ली की किस्मत नहीं बदली। दिल्ली ने उस सीजन में मात्र 2 ही मैच जीते। वहीं बात 2015,16 और 17 की करें तो दिल्ली ने क्रमश: 5, 7 और 6 ही मैच जीते।
2018 में दिल्ली ने गौतम गंभीर जैसे बड़े कप्तान को एक बार फिर अपनी टीम में शामिल किया। गौतम केकेआर को दो बार खिताब जिता चुके थे। लेकिन दिल्ली आते ही गंभीर की कप्तानी को भी जंग लगा और दिल्ली ने गंभीर की कप्तानी में 6 में से 5 मैच हारे। गंभीर ने तुरंत ही कप्तानी छोड़ने का फैसला लिया। इसके बाद दिल्ली की टीम की कमान युवा खिलाड़ी श्रेयस अय्यर को सौंपी गई। अय्यर की कप्तानी में दिल्ली ने 8 में से 4 मैच जीते। दिल्ली इस साल भी प्वॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे रही।
दिल्ली की टीम ने इस सीजन से पहले अपना नाम बदला, टीम को उम्मीद थी की नाम बदलने से शायद उनकी किसमत भी पलट जाए और कुछ ऐसा ही हुआ। दिल्ली की किसमत ने पलटी खाई और आज दिल्ली आईपीएल 2019 की प्वॉइंट्स टेबल पर राज कर रही है।
दिल्ली की टीम ने इस आईपीएल में कदम रखने से पहले से ही अपनी खामियों पर काम करना शुरु कर दिया था। दिल्ली ने नीलामी में अच्छे खिलाड़ियों पर बोली लगाने के बाद अपने मैनेजमेंट में सौरव गांगुली जैसे अनुभवी पूर्व खिलाड़ियों को जोड़ कर टीम की नींव रखी। आइए जानते हैं कैसे दिल्ली कैपिटल्स ने कैसे नीलामी से लेकर युवा खिलाड़ियों पर भरोसे ने दिल्ली कैपिटल्स में जगाई पहला खिताब जीतने की उम्मीद-
नीलामी रहा सबसे बड़ा फैक्टर
आईपीएल 2019 की नीलामी में इस बार दिल्ली ने अपने बड़े खिलाड़ियों को बेचा नहीं, बल्कि उन्हें रिटेन करके अन्य खिलाड़ियों पर फोकस किया। दिल्ली ने इस सीजन तीन खिलाड़ियों के बदले शिखर धवन को अपनी टीम में शामिल किया जो इस समय दिल्ली के लिए बेहतरीन परफॉर्म कर रहे हैं। वहीं नीलामी में ईशांत शर्मा, अक्षर पटेल, कीमो पॉल और कॉलिन इंग्राम जैसे खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल किया।
टीम के साथ कोचिंग स्टाफ
टीम के कोचिंग स्टाफ में पिछले साल दिल्ली ने रिकी पोंटिंग को शामिल किया था, लेकिन इस साल उन्होंने टीम के मैनेजमेंट को और मजबूत करने के लिए कोलकाता के प्रिंस सौरव गांगुली को टीम में शामिल किया। गांगुली दिल्ली की टीम में एडवाइजर के तौर पर जुड़े हैं। अब गांगुली के साथ पोंटिग टीम को जीत की राह दिखा रहे हैं।
युवा खिलाड़ियों पर भरोसा
दिल्ली की टीम की इस सफलता में एक फैक्टर यह भी रहा कि टीम ने युवा खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा दिखाया। युवा कप्तान श्रेयस अय्यर के साथ-साथ टीम में पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत, संदीप लामिछाने और किमो पॉल जैसे खिलाड़ी हैं। पिछले साल तक पृथ्वी शॉ और लामिछाने ने दिल्ली के लिए बहुत कम मैच खेले थे, लेकिन टीम ने इस साल उनपर भरोसा जताया और यह खिलाड़ी उस भरोसे पर खरे उतरे।
यही कुछ फैक्टर हैं जिस वजह से दिल्ली की टीम इस साल अच्छा परफॉर्म कर पा रही है। दिल्ली की टीम प्वॉइंट्स टेबल में इस समय 12 में से 8 मैच जीतकर शीर्ष पर है। दिल्ली का सामना आज चेन्नई सुपर किंग्स के साथ होगा, दिल्ली आज चेन्नई को हराकर अपनी बढ़त को और बढ़ाना चाहेगी।