नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने चयन समिति और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को छोड़कर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सभी समितियों को भंग कर दिया था। भंग की गई समितियों में आईपीएल गर्विनंग काउंसिल भी शामिल है, लेकिन इसकी जगह आईपीएल प्रबंधन टीम का निर्माण किया गया था। यही टीम अब किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया के विवाद पर नजर रखेगी और सीओए को इसकी जानकारी देगी।
इस मामले में शुक्रवार को मुंबई में बैठक हुई, जिसमें आईपीएल प्रबंधन टीम ने वाडिया मामले पर नजर रखने और इसकी जानकारी सीओए को देने के लिए हामी भर दी है। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस को इस बात की जानकारी दी।
सूत्र के मुताबिक, "वह इस मामले को देख रहे हैं और इस मामले पर पूरी तरह से नजर बनाए रखते हुए सीओए को इसकी जानकारी देंगे।"
आईपीएल के संचालन नियमों के क्लॉज 14 के सेक्शन 2 के मुताबिक, संचालन नियमों में शामिल प्रत्येक व्यक्ति मैच के दौरान या उससे इतर, ऐसी कोई हरकत नहीं कर सकता जिससे किसी भी टीम फ्रेंचाइजी, खिलाड़ी, टीम अधिकारी, बीसीसीआई, लीग या खेल की इज्जत दांव पर लगे।
नियम में लिखा गया है कि टीम या फ्रेंचाइजी का सदस्य अगर नियमों का उल्लंघन करता है तो लोकपाल या समिति उस टीम या फ्रेंचाइजी को प्रतिबंधित कर सकती है। नियम कहता है कि मामले को पहले कमिशन के पास भेजना चाहिए और फिर जांच के बाद कमिशन उसे बीसीसीआई लोकपाल के पास भेजेगा।
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