2012 में अपनी कप्तानी में U-19 विश्व कप जिताने वाले उन्मुक्त चंद इन दिनों बहुत दुखी हैं. उनके दुख की वजह ये है कि इस बार IPL की किसी भी टीम ने उन्हें अपनी टीम के लायक नहीं समझा यानी नीलामी में उन पर किसी ने भी बोली नहीं लागाई. उन्मुक्त का बेस प्राइस मात्र 20 लाख रुपये था.
एक समय दिल्ली के 24 साल के उन्मुक्त को विराट कोहली का उत्तराधिकारी माना जा रहा था लेकिन वह उम्मीदों पर करे नहीं उतर सके. उनका कहना है, ''मुझे ज़्यादा टी-20 मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला इसलिए IPL की किसी भी टीम में नहीं हूं.''
दिल्ली के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ उन्मुक्त ने स्कूल में पढ़ते समय ही रणजी ट्राफ़ी में पदार्पण कर लिया था और चौथे हीम मैच मे शतक लगा दिया था. उन्होंने 2011 में IPL में दिल्ली के लिए खेलना शुरु किया था. IPL 6 में वह राजस्थान के लिए खेलने लगे और फिर मुंबई में चले गए हालंकि उन्हें ज़्यादातर मैचों में बाहर बैठना पड़ा. उन्हें 2011 में दो, 2012 में दो, 2013 में 9, 2014 में एक, 2015 में 6 और 2016 में सिर्फ एक मैच में केलने का मौक़ा मिला.
IPL में नहीं चुने जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें घरेलू क्रिकेट में ज्यादा टी-20 मैच खलेने का मौका नहीं मिला. फ़ाइनल में उन्होंने स्कोर ज़रुर किया लेकिन वह इतना काफी नहीं था कि कोई टीम उन्हें ख़रीद ले.
उन्मुक्त पिछले कुछ समय से फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट में लगातार रन नहीं बना पा रहे हैं और उनका कहना है कि वह इस पर काम कर रहे हैं और 2-3 बड़ी पारियों से वह फिर फ़ार्म में लौट आएंगे.
उन्होंने कहा कि IPL में हर टीम की अपनी रणनीति होती है और वह उसी के अनुसार खिलाड़ियों का चयन करती हैं. हो सकता है मैं उनकी रणनीति में फिट नहीं बैठता हूं. दिल्ली और राजस्थान के लिए मैंने रन बनाए थे लेकिन हो सकता है उनके सेट अप में मेरी जगह न बनती हो.
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