शादी और IPL चैंपियन बनने के बीच है गहरा रिश्ता, न हो यक़ीं तो देख लें
इंडियन प्रीमियर लीग का 11वां एडीशन कुछ ही दिनों में शुरु होने जा रहा है. हमेशा की तरह इस बार भी क्रिकेट के शौक़ीन लोगों ने विजेता को लेकर क़यासबाज़ी शुरु कर दी है.
नयी दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग का 11वां एडीशन कुछ ही दिनों में शुरु होने जा रहा है. इस सीज़न में चैन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की वापसी हुई है. इन दोनों टीमों को मैच/स्पॉट फ़िक्सिंग विवाद के चलते दो साल के लिए प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था. चेन्नई की कमान एक बार जहां पिर धोनी संभालेंगे वहीं बॉल टेंपरिंग में फंसे स्टीव स्मिथ के हाथ से कप्तानी छीनकर अजंक्य रहाणे को दे दी गई है. स्मिथ के खेलने पर भी BCCI ने रोक लगा दी है.
बहरहाल, हमेशा की तरह इस बार भी क्रिकेट के शौक़ीन लोगों ने विजेता को लेकर क़यासबाज़ी शुरु कर दी है. इस बार टीमों में जहां धुरंदर नज़र आएंगे वहीं कुछ ऐसे भी चेहरे दिखेंगे जिन्होंने घरेलू या अंडर-19 विश्व कप में अपने जौहर दिखाए हैं.
टी-20 एक ऐसा फ़ॉर्मेट है जिसमें कौन सी टीम किस टीम को मात दे दे, पता नहीं. कोई टीम काग़ज और रिकॉर्ड पर भले ही भारी दिखे लेकिन उसे कोई कमज़ोर टीम भी पटख़नी दे सकती है. इसीलिए विजेता की भविष्यवाणी करना ज़रा कठिन हो जाता है. देखा जाए तो टी-20 के धाकड़ बल्लेबाज़ रोहित शर्मा की अगुवाई में मुंबई इंडियंस फिर प्रबल दावेदार लगती है लेकिन चेन्नई की वापसी से वो भी दौड़ में है. मुंबई तीन बार और चेन्नई और कोलकता नाइट राइडर्स दो बार चैंपियंस रन चुकी हैं. लेकिन इस बार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को अनदेखा नहीं किया सकता. बल्कि पुराना इतिहास देखें तो इस बार उसका चैंपियन बनना तय है.
सबसे पहले बात करते हैं चेन्नई सुपर किंग्स की. 2011 में वह चैंपियन बनी थी. दिलचस्प बात ये है कि एक साल पहले ही धोनी ने शादी की थी और अगले साल उन्हें IPL ट्रॉफ़ी मिल गई. इसी तरह 2011 में गौतम गंभीर ने शादी की और 2012 में उन्होंने कोलकता नाइट राइडर्स को चैंपियन बनवा दिया.
इस हिसाब से देखें तो इस बार विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की बारी है. कोहली ने 2017 में बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा से शादी की और जो अभी तक IPL की परंपरा रही है, बैंगलोर के चैंपियन बनने के फ़ुल फ़ुल चांस हैं. आपको बता दें कि IPL के 10 साल के इतिहास में बैंगलोर एक भी बार ट्रॉफ़ी नहीं जीत पाई है हालंकि 2009 और 2011 में वह फ़ाइनल में ज़रुर पहुंची थी. वैसे कोहली जिस फ़ॉर्म में चल रहे हैं, उसे देखें तो वह अकेले ही अपने दम पर टीम को जिता सकते हैं.