International Men's Day : सुरेश रैना ने बताया, कैसे कोरोना महामारी ने बनाया उन्हें और जिम्मेदार व्यक्ति
सुरेश रैना ने बताया कि कैसे कोरोना जैसी महामारी ने उन्हें सबक सिखाया और इससे ना सिर्फ उनका लाइफस्टाइल बदला बल्कि वो एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
19 नवंबर यानि आज का दिन पूरे विश्व में अंतराष्ट्रीय मेंस ( पुरुष ) दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिस ख़ास मौके पर सुरेश रैना ने बताया कि कैसे कोरोना जैसी महामारी ने उन्हें सबक सिखाया और इससे ना सिर्फ उनका लाइफस्टाइल बदला बल्कि वो एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
रैना ने एएनआई को दिए साक्षात्कार में बताया, "कई पुरुषों के लिए, महामारी ने पूरी जीवन शैली और जिम्मेदारियों को बदल दिया है। इससे पहले कभी भी इतने पुरुषों ने परिवार के साथ इतना समय नहीं बिताया। महामारी के साथ घर पर सभी ने अधिक समय बिताया। जिससे उन्हें अपने परिवारों और विशेष रूप से बच्चों के साथ अधिक समय बिताने, लंच बनाने, सभी चीजों का प्रबंधन करने, टेलीविज़न और वीडियो गेम के समय पर बातचीत करने, नखरे करने और छींटाकशी करने की गतिविधियों में शामिल होने का भरपूर मौका मिला।"
कोरोना के चलते मार्च माह से लगे देश में लॉकडाउन के कारण सभी खिलाड़ियों ने घर पर कम से कम 6 माह का समय बिताया। इस दौरान सभी ने घर के काम किए व अपनी पत्नी और बच्चों के साथ काफी समय बिताया। जिसके बारे में रैना ने आगे कहा, "इस अंतराष्ट्रीय मेंस ( पुरुष ) दिवस में हमें सक्रिय सह-अभिभावकों के रूप में पुरुषों की कल्पना करने की आवश्यकता है, जो कि पालन-पोषण में न केवल "सहायक" हैं, बल्कि एक समान-आधे भी हैं, जो समान जिम्मेदारी लेते हैं। हमें श्रम के प्रतिगामी लिंग विभाजन पर सवाल उठाने और अपने बच्चे के साथ बेहतर पैतृक संबंध स्थापित करने के लिए आज के परिनिर्वाण (सदियों से माता-पिता) के लिए एक शानदार वातावरण बनाने की आवश्यकता है। ये सामान्य व्यवहार पैटर्न को बदलने और अपने बच्चों के साथ अधिक जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से माता-पिता को देखने के लिए बहुत अच्छा है।"
साउथ अफ्रीका का एक खिलाड़ी निकला कोरोना पॉजिटिव, जबकि 3 गए आइसोलेशन में
33 साल के हो चुके रैना आईपीएल के बीते 2020 सीजन की शुरुआत में ही पारिवारिक कारणों से दुबई से वापस आकर चेन्नई सुपर किंग्स से बाहर हो गए थे। इस तरह वो आईपीएल में खेलते दिखाई नहीं दिए थे। ऐसे में अब रैना ने अंत में कहा, "आज का दिन हम उन पुरुषों के लिए मनाते हैं जो सीख रहे हैं और अधिक जिम्मेदारी ले रहे हैं, जैसा कि उनकी अन्य भूमिकाओं में भी उत्कृष्ट नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में पुरुषों की भूमिका में काफी बदलाव आया है, हमें अब घर के मज़दूरी कमाने वालों के रूप में टैग नहीं किया जाता है, बल्कि अपने सहयोगियों के साथ एक मजबूत आधार बनाते हैं।"