मिताली राज ने कोच और डायना एडुल्जी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- मुझे अपमानित किया गया
विश्व टी20 सेमीफाइनल में जगह नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए मिताली राज ने कहा कि कोच रमेश पोवार ने उन्हें अपमानित किया।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान दिग्गज क्रिकेटर मिताली राज ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से जुड़ी प्रशासकों की समिति (COA) की सदस्य और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एडुलजी व मौजूदा भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच रमेश पोवार पर गभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल विश्व टी20 सेमीफाइनल में जगह नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए मिताली राज ने कहा कि कोच रमेश पोवार ने उन्हें अपमानित किया। यही नहीं मिताली राज ने सीओए सदस्य डायना एडुल्जी पर पक्षपात का आरोप लगाया।
बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी को लिखे एक बेहद लंबे लेटर में मिताली ने लिखा है कि उन्हें भारतीय टी20 महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है सिवाय इसके कि हरमन ने कोच रमेश पवार के उस फैसले का समर्थन किया जिसमें उन्होंने मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने को कहा था। मिताली ने लेटर में लिखा- "मैं अपने देश के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी। मुझे काफी दुख हुआ क्योंकि हमने एक सुनहरा मौका खो दिया।" मिताली ने आगे लिखा- "मैं यह कह सकती हूं कि मुझे पता है कि इस ईमेल को लिखकर मैं खुद को और भी कमजोर बना रही हूं। वह एक सीओए सदस्य हैं, जबकि मैं सिर्फ एक खिलाड़ी हूं। रिकॉर्ड के लिए, मैंने सेमीफाइनल से पहले बैक टू बैक अर्धशतक जड़े थे। दोनों मौकों पर प्लेयर ऑफ द मैच चुनी गई थी। मुझे सेमीफाइनल में बाहर रख कर केवल तीन परफॉर्मिंग बल्लेबाजों के साथ जाने के फैसले ने न केवल मुझे बल्कि पूरी दुनिया चकित कर दिया था।"
भारत की सीनियर महिला क्रिकेटर और वनडे कप्तान मिताली राज ने प्रशासकों की समिति की सदस्य डायना एडुल्जी और कोच रमेश पोवार पर बरसते हुए कहा कि सत्ता में मौजूद कुछ लोग उन्हें बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 विश्व कप सेमीफाइनल से बाहर करने पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मिताली ने आरोप लगाया कि उन्हें बाहर करने का समर्थन करने वाली एडुल्जी ने उनके खिलाफ अपने पद का फायदा उठाया।
भारत को इंग्लैंड ने आठ विकेट से हराया। पैतीस बरस की मिताली ने ग्रुप चरण में दो अर्धशतक जमाये थे। उन्होंने बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी और क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मेरे 20 बरस के लंबे करियर में पहली बार मैने अपमानित महसूस किया। मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिये मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिये है भी या नहीं या वे मेरा आत्मविश्वास खत्म करना चाहते हैं।’’
उसने कहा, ‘‘मैं टी20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ।’’ मिताली ने कहा, ‘‘मैं देश के लिये विश्व कप जीतना चाहती थी। मुझे दुख है कि हमने सुनहरा मौका गंवा दिया।’’ उन्होंने भारत की पूर्व कप्तान एडुल्जी को आड़े हाथों लिया जिन्होंने उसे बाहर रखने के फैसले का समर्थन किया था।
मिताली ने कहा, ‘‘मैने हमेशा डायना एडुल्जी पर भरोसा जताया ओर उनका सम्मान किया। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि वह मेरे खिलाफ अपने पद का दुरूपयोग करेंगी। खासकर तब जबकि वेस्टइंडीज में जो कुछ मेरे साथ हुआ, मैं उन्हें बता चुकी थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने के फैसले को उनके समर्थन से मैं काफी दुखी हूं क्योंकि उन्हें तो असलियत पता थी।’’ पोवार के बारे में उसने कहा कि ऐसी कई घटनायें हुई जब उसने अपमानित महसूस किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं कहीं आसपास बैठी हूं तो वह निकल जाते थे या दूसरों को नेट पर बल्लेबाजी करते समय देखते थे लेकिन मैं बल्लेबाजी कर रही हूं तो नहीं रूकते थे। मैं उनसे बात करने जाती तो फोन देखने लगते या चले जाते।’’ उसने कहा, ‘‘यह काफी अपमानजनक था और सभी को दिख रहा था कि मुझे अपमानित किया जा रहा है। इसके बावजूद मैने अपना आपा नहीं खोया।’’
उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में टीम की सबसे अनुभवी बल्लेबाज मिताली को ही बैंच पर बैठाया गया और इस मैच में भारतीय टीम हार गई। इस कारण मिताली को सेमीफाइनल मैच में शामिल न करने का विवाद खड़ा हो गया और इसने अब बड़ा रूप ले लिया है। टूर्नामेंट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में घुटने की चोट के कारण मिताली बाहर थी, लेकिन उससे पहले खेले गए दो मैचों में उन्होंने लगातार अर्धशतकीय पारियां खेली थीं। सेमीफाइनल मैच से एक दिन पहले उन्हें फिट घोषित कर दिया गया था। बावजूद इसके प्रबंधन ने उन्हें बैंच पर बैठाकर आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल करने वाली अंतिम एकादश को बरकरार रखने का फैसला किया।
(पीटीआई के इनपुट से)