चैपल की वजह से भारतीय क्रिकेट को देखना पड़ा अपना सबसे खराब समय - हरभजन सिंह
टीम इंडिया के प्रमुख ऑफ स्पिन गेंदबाज माने जाने वाले हरभजन सिंह उर्फ़ भज्जी का मानना है कि चैपल का कार्यकाल टीम इंडिया के लिए सबसे बुरा समय था।
मुंबई| साल 2005 से लेकर 2007 तक भारतीय क्रिकेट में जब टीम इंडिया के कोच ग्रेग चैपल थे तब काफी उथल-पुथल चल रही थी। कई खिलाड़ियों ने कोच के प्रति अपना विरोध जताया था। जिसको लेकर हाल ही में जहां चैपल ने दावा किया कि उन्होंने उस समय टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हर गेंद बाउंड्री के पार ना मारने की मारक सलाह दी थी। वहीं अब हरभजन सिंह ने फिर से उन पर सवालियां निशान उठा दिए हैं। उस समय टीम इंडिया के प्रमुख ऑफ स्पिन गेंदबाज माने जाने वाले हरभजन सिंह उर्फ़ भज्जी का मानना है कि चैपल का कार्यकाल टीम इंडिया के लिए सबसे बुरा समय था।
दरअसल, चैपल का धोनी को लेकर दी जाने वाली सलाह के बारे में जैसे ही भज्जी ने पढ़ा तो उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "उन्होंने धोनी को शॉट नीचे रखकर खेलने की सलाह इसलिए दी थी क्योंकि कोच हर किसी को मैदान के बाहर पहुंचा रहे थे। वह अलग खेल खेल रहे थे।"
गौरतलब है कि चैपल ने धोनी को लेकर आगे ये भी कहा था कि उनसे ज्यादा ताकतवर बल्लेबाज उन्होंने आज तक नहीं देखा है।
हालांकि चैपल का कार्यकाल विवादों से भरा रहा और कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनके मतभेद रहे जिसमें तत्कालीन कप्तान और मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल थे।
चैपल ने प्लेराइट फाउंडेशन के साथ फेसबुक पेज पर बात करते हुए कहा, "मुझे याद है कि जब मैंने उनको पहली बार बल्लेबाजी करते देखा तो मैं हैरान रह गया था। उस समय वह भारत में सबसे चमकदार क्रिकेट खिलाड़ी थे। वह काफी अलग तरह से पोजीशन में आकर गेंद को मारते थे। मैंने जितने भी बल्लेबाज देखे हैं, उनमें से वो सबसे ताकतवर हैं।"
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उन्होंने कहा, "मुझे उनकी श्रीलंका के खिलाफ खेली गई 183 रनों की पारी याद है। उनकी ताकतवर बल्लेबाजी उस समय बेहतरीन थी। अगला मैच पुणे में था और मैंने धोनी से कहा था कि आप हर गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने के बजाए शॉट नीचे रखकर क्यों नहीं खेलते। अगले मैच में हम तकरीबन 260 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और अच्छी स्थिति में थे। धोनी ने कुछ दिन पहले जो बल्लेबाजी की थी, वह उससे उलट बल्लेबाजी कर रहे थे।"
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चैपल ने कहा, "हमें 20 रन चाहिए थे और धोनी ने 12वें खिलाड़ी आरपी सिंह के जरिए मुझसे छक्का मारने को पूछा था। मैंने कहा, तब तक नहीं जब तक लक्ष्य एक अंक में नहीं आ जाता। फिर जब हमें छह रन की जरूरत थी तो उन्होंने छक्का मारकर मैच समाप्त कर दिया।"