भारतीय टीम के पूर्व मिडल ऑडर बल्लेबाज एस बद्रीनाथ ने हाल ही में खुलासा किया है कि वह भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ जैसे बड़े खिलाड़ियों की वजह से टीम में ज्यादा समय तक टिक नहीं पाए। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10 हजार से अधिक रन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में मिलाकर कुल 10 मैच खेले थे।
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बद्रीनाथ ने कहा "मैं जो भी कर सकता था वो सबकुछ किया। बल्लेबाजी क्रम पूरी तरह से कसा हुआ था सचिन, राहुल, लक्ष्मण, सहवाग, गंभीर और युवराज। एक चीज जो मैंने किया वो थोड़ा बहुत गेंदबाजी पर ध्यान लगाना था। मैं टीम में बतौर ऑलराउंडर जगह बनाने क्योंकि काफी अच्छी ऑफ स्पिन गेंदबाजी कर लेता ता और कुछ विकेट भी हासिल किए थे।"
इसी के साथ बद्रीनाथ ने कहा कि उनके समय में ज्यादा मदद नहीं मिलती थी, अगर उन्हें मदद मिलती तो वह एक ऑलराउंडर के रूप में भारतीय टीम में जगह बना सकते थे।
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बद्रीनाथ ने कहा "मेरे समय पर कुछ ज्यादा मदद भी नहीं मिलती थी। बतौर बल्लेबाज जगह बनाने की जगह अगर मुझे एक ऑलराउंडर की तरह टीम में जगह मिल जाती। मैं नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी करता और तीसरे स्पिनर की भूमिका निभा लेता। बल्लेबाजी में जो कुछ भी कर सकता था उसमें बेहतर किया।"
2008 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने 7 वनडे, दो टेस्ट और एक टी20 मैच खेला है। तीनों फॉर्मेट में मिलाकर बद्रीनाथ ने कुल 126 ही रन बनाए हैं। वनडे में बद्रीनाथ का औसत 15 का तो टेस्ट में 21 का था।
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