Ind vs WI: साल 2019 का अंतिम वनडे जीताने के बाद बोले रविंद्र जडेजा, "दुनिया को नहीं बल्कि खुद को करना चाहता था साबित"
जडेजा ने मैदान में आकर ना सिर्फ कप्तान विराट कोहली के साथ 58 रन की साझेदारी निभाई बल्कि उनके आउट होने के बाद अंत तक बल्लेबाजी कर टीम इंडिया को मैच भी जीताया।
ओडिशा के कटक स्थित बाराबती स्टेडियम में टीम इंडिया ने ना सिर्फ साल 2019 का अंतिम वनडे मैच जीता बल्कि उसके साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज पर भी कब्ज़ा किया। भारतीय कप्तान विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम ने अंतिम मैच में वेस्टइंडीज को 4 विकेट से धूल चटाई। जिसमें भारत की तरफ से कप्तान कोहली (85) के साथ उपकप्तान रोहित शर्मा (63) और सलामी बल्लेबाज के. एल. राहुल (77) ने शानदार अर्द्धशतकीय पारी खेली। जबकि अंत में रविंद्र जडेजा ने 39 रनों की मैच जीताऊ पारी खेलकर कहा कि वो पूरी दुनिया को नहीं बस खुद को वनडे क्रिकेट में साबित करना चाहते थे।
विंडीज के खिलाफ मिले 316 रनों के विशाल लक्ष्य को भारत ने ( 48.4 ) ओवरों में हासिल कर लिया। जिसमें सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और के. एल. राहुल ने ओपनिंग में शतकीय साझेदारी निभाई। मगर मध्यक्रम में जल्द ही तीन बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (7), ऋषभ पंत (7) और केदार जाधव (9) रन बनाकर चलते बने। ऐसे में कप्तान कोहली के साथ मिलकर जडेजा ने शानदार बल्लेबाजी की और टीम इंडिया को लक्ष्य तक पहुँचाया।
ऐसे में कप्तान कोहली के साथ बल्लेबाजी करते हुए जीत के प्लान के बारे में जडेजा ने मैच के बाद हुई प्रेस वार्ता में कहा, "वनडे क्रिकेट में ऐसा अक्सर होता है कि शुरुआत अच्छी होने के बाद मध्यक्रम में विकेट जल्दी गिर जाते हैं। हालांकि विकेट अच्छा था तो प्लान यही था कि अगर हम अंत तक खेले तो जरूर मैच जीत जाएंगे।"
टीम इंडिया के गेंदबाजों ने मैच में वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को पारी के आखिरी 10 ओवर में 100 से अधिक रन लुटाए। जिसमें निकोलस पूरन (89) और कीरोन पोलार्ड (74) ने हमकर धुनाई की। जिसके पीछे का कारण ओस को बताते हुए जडेजा ने कहा, "ओस के कारण विकेट काफी अच्छा हो गया था। जिससे अगर आप हल्की सी भी गलती करते हैं तो आउटफील्ड तेज होने के कारण गेंद सीधे चौके पर जाकर रुक रही थी। इसलिए ओस के चलते काफी प्रभाव पड़ा।"
316 रनों का पीछा करते समय टीम इंडिया के एक समय 228 रन पर पांच बल्लेबाज पवेलियन जा चुके थे। ऐसे में जडेजा ने मैदान में आकर ना सिर्फ कप्तान विराट कोहली के साथ 58 रन की साझेदारी निभाई बल्कि उनके आउट होने के बाद अंत तक बल्लेबाजी कर टीम इंडिया को मैच भी जीताया। जिस दौरान उन्होंने 39 रन की पारी में 4 चौके मारें। ऐसे में वनडे क्रिकेट में अपनी पारी के बारे में जडेजा ने कहा, "साल 2019 में हमने ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला। इसके बावजूद भी मैं बस मौके को भुनाना चाहता था। मेरी यही कोशिश थी कि मुझे दुनिया को नहीं बल्कि खुद को वनडे क्रिकेट के लिए साबित करना है कि मेरे अंदर काफी क्रिकेट बचा हुआ है।'
वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया ने सीरीज तो जीत ली मगर उनकी फील्डिंग पर सवालियां निशान खड़े होते रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों का वेस्टइंडीज के खिलाफ फील्डिंग में काफी खराब प्रदर्शन रहा। कई कैच व रन आउट के मौके भी गंवाए। इस तरह अंत में फील्डिंग के बारे में जडेजा ने कहा, "जैसा हमारे पास लड़कों का पूल है उसमें ऐसी खराब फील्डिंग होनी तो नहीं चाहिए। हमने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 और वनडे में कई कैच छोड़े हैं। इस तरह अगली सीरीज से पहले हम गीली गेंद से भी अभ्यास करेंगे। मेरे विचार से ये काफी महत्वपूर्ण है कि लिमिटेड ओवेर्स के क्रिकेट में अगर आप बड़े बल्लेबाज के कैच छोड़ते है तो मैच भी हार सकते हैं।"
बता दें कि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज पर भारत ने 2-1 से कब्ज़ा किया। पहला मैच विंडीज ने 8 विकेट से तो दूसरे मैच में टीम इंडिया ने दमदार वापसी करते हुए 107 रन से जीत दर्ज की थी। जिसके बाद टीम इंडिया ने साल 2019 के अंत में शानदार जीत दर्ज करके 2010-19 एक दशक का भी अंत किया।