भारत बनाम वेस्टइंडीज, पहला टी-20 : गेंदबाजों के दम पर जीता भारत, बल्लेबाजों ने किया निराश
भारत के लिए हालांकि इस लक्ष्य को हासिल करना टेढ़ी खीर साबित हुआ। उसने 96 रनों के लक्ष्य को पाने के लिए छह विकेट खो दिए और 17.2 ओवरों में लक्ष्य हासिल किया।
लॉडरहिल (फ्लोरिडा)। भारत ने शनिवार को सेंट्रल ब्रोवार्ड रीजनल स्टेडियम में खेले गए पहले टी-20 मैच में वेस्टइंडीज को चार विकेट से हरा दिया। इस जीत ने जहां एक बार फिर भारतीय गेंदबाजी की मजबूती दिखाई वहीं उसके बल्लेबाजों ने निराश किया। इसी के साथ भारत ने तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। टॉस जीतकर गेंदबाजी करने वाली भारत ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप की विश्व विजेता विंडीज को 20 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 95 रनों से आगे नहीं जाने दिया। भारत के लिए अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल रहे तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने तीन विकेट लिए।
भारत के लिए हालांकि इस लक्ष्य को हासिल करना टेढ़ी खीर साबित हुआ। उसने 96 रनों के लक्ष्य को पाने के लिए छह विकेट खो दिए और 17.2 ओवरों में लक्ष्य हासिल किया।
भारत के सीनियर बल्लेबाज अंत तक नहीं टिक सके वहीं युवा बल्लेबाजों ने भी गलत शॉट चयन के कारण जल्दबाजी में विकेट फेंके।
भारत के उपकप्तान रोहित शर्मा ने सबसे ज्यादा 24 रनों का योगदान दिया लेकिन रोहित के सलामी जोड़ीदार शिखर धवन सिर्फ एक रन ही बना सके। अंगूठे की चोट से वापसी कर रहे धवन दूसरे ओवर की आखिरी गेंद पर शेल्डन कॉटरेल की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट दे दिए गए।
विराट कोहली (19) और रोहित ने टीम का स्कोर 32 पहुंचाया। यहां नरेन ने रोहित को पवेलियन भेज दिया।
युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत आते ही छक्का लगाने की जल्दबाजी में दिखे और पहली ही गेंद पर सीमा रेखा के पास कॉटरेल के हाथों लपके गए। मनीष पांडे अच्छा खेल रहे थे लेकिन कीमो पॉल की गेंद उनकी गिल्लियां बिखेर ले गई। पांडे ने 19 रन बनाए।
64 रनों पर भारत ने चार विकेट खो दिए थे। कोहली हालांकि दूसरे छोर पर थे लेकिन पांच रन बाद वह भी एक गलत शॉट खेल आउट हो गए।
क्रुणाल पांड्या अपनी पारी को 12 रनों से आगे नहीं ले जा पाए। पॉल ने पांड्या को 88 रनों पर पवेलियन भेजा।
रवींद्र जडेजा 10 रन बनाकर नाबाद लौटे। वॉशिंगटन सुंदर (नाबाद 8) ने छक्का मार भारत को जीत दिलाई।
विंडीद के लिए पॉल, नरेन और कॉटरेल ने दो-दो सफलताएं अर्जित कीं।
इससे पहले, विंडीज के बल्लेबाज भी तेजी से रन बनाने की जल्दबाजी में लगातार विकेट खोते रहे। सिर्फ केरन पोलार्ड ने ही धैर्य के साथ बल्लेबाजी कर विकेट पर जमने का साहस दिखाया और अपनी टीम के लिए सबसे ज्यादा 49 रन बनाए।
जॉन कैम्पवेल ने सुंदर द्वारा फेंके गए पहले ओवर की दूसरी गेंद पर ही बड़ा शॉट खेलने का प्रयास किया और पांड्या को कैच दे बैठे। विंडीज ने बिना खाता खोले एक विकेट खो दिया था।
आठ के कुल स्कोर पर भुवनेश्वर कुमार ने दूसरे सलामी बल्लेबाज इविन लुइस का विकेट भी गिरा दिया। निकोलस पूरन (20) ने पोलार्ड के साथ मिलकर टीम को संभालने का प्रयास किया लेकिन सैनी की गेंद पूरन के बल्ले का किनारा ले विकेटों पर जा लगी और विंडीज ने 28 रनों पर अपना तीसरा विकेट खो दिया। पोलार्ड के अलावा पूरन ही विंडीज के लिए दहाई के आंकड़े में प्रवेश कर चुके।
सैनी ने अगली ही गेंद पर शिमरन हेटमायेर को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया।
रोवमैन पावेल चार के निजी स्कोर पर खलील अहमद का शिकार बने। उनके जाने से विंडीज का स्कोर 33 रनों पर पांच विकेट हो गया।
पोलार्ड ने यहां कुछ तेजी से रन बनाए। उन्होंने कप्तान कार्लोस ब्रैथवेट के साथ छठे विकेट के लिए 34 रन जोड़े। इनमें से कप्तान ने सिर्फ नौ रन बनाए थे और वह 67 के कुल स्कोर पर पांड्या का शिकार हो गए।
रवींद्र जडेजा ने नरेन (2) और भुवनेश्वर ने पॉल (3) को आउट कर विंडीज का स्कोर 88 रनों पर आठ विकेट कर दिया।
अंत में पोलार्ड से तेजी से रन बनाने की उम्मीद थी लेकिन वो ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। सैनी ने आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू करा दिया। पोलार्ड ने 49 गेंदों का सामना किया और चार छक्कों के अलावा दो चौके भी लगाए। भारत के लिए सैनी के अलावा भुवनेश्वर कुमार ने दो विकेट लिए। सुंदर, अहमद, पांड्या और जडेजा को एक-एक विकेट मिला।