जानिए केपटाउन टी20 के 14वें ओवर में ऐसा क्या हुआ था कि धोनी-रैना की दोस्ती में पड़ गई दरार!
टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीकी दौरे में हिंदुस्तान की ऐतिहासिक जीत देखी। लड़ने का जज्बा देखा.. इतिहास बदलने की हिम्मत देखी। फिरकी का कहर देखा...कोहली का विराट अवतार देखा।
टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीकी दौरे में हिंदुस्तान की ऐतिहासिक जीत देखी। लड़ने का जज्बा देखा.. इतिहास बदलने की हिम्मत देखी। फिरकी का कहर देखा...कोहली का विराट अवतार देखा। लेकिन केपटाउन टी-20 के दौरान धोनी और रैना के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसपर आपने शायद ही गौर किया होगा चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है। केपटाउन टी20 के 14वें ओवर में रैना गेंदबाज़ी कर रहे थे सामने जोन्कर और विकेट के पीछे धोनी थे। ओवर की चौथी गेंद रैना स्टंप पर तेज डालते हैं नतीजा बाउंड्री। धोनी...जोन्कर की रणनीति समझ जाते हैं... वो रैना को रोककर फील्ड चेंज करते हैं।
माही चिल्लाकर रैना से कहते हैं...डंडे पर तेज मत डालना... दूसरी बार कहते हैं... तीसरी बार कहते हैं। धोनी बार बार रैना को समझाते हैं, लेकिन रैना धोनी की बात गौर नहीं फरमाते। जिस गेंद के लिए धोनी ने मना किया था। वही गेंद फेंकते हैं। नतीजा एक और चौका।
यही बात फैंस को समझ नहीं आ रही है क्योंकि जिस धोनी को द्रोणाचार्य बनाकर कुलदीप और चहल ने अफ्रीका को हिलाकर रख दिया। उसी माही ज्ञान को सुनने से रैना ने क्यों मना किया। ये जानते हुए भी कि जोन्कर उनकी गेंद को छोड़ेंगे नहीं फिर भी उनको क्यों बाउंड्री खाना पसंद किया। वो भी उस मैच में जिसमें एक चौका सीरीज का नतीजा बदल सकता था। ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं... क्या रैना अपने फैसले खुद करना चाहते हैं ? क्या रैना अब धोनी की सलाह पसंद नहीं करते ? क्या रैना अपनी इमेज पूरी तरह से बदलना चाहते हैं ? क्या वो धोनी के नाम से खुद को अलग करना चाहते हैं?
ये सवाल इसलिए है. क्योंकि रैना को धोनी का सबसे खास माना जाता है। रैना की सफलता को धोनी से जोड़ा जाता है लेकिन जब रैना टीम से बाहर हुए तो उनकी वापसी लगभग नामुमकिन बन गई थी और उन्होंने द.अफ्रीका में खुद को एक बार फिर साबित किया।
3 टी-20 की सीरीज में सुरेश रैना ने 153.44 की स्ट्राइक रेट से 89 रन बनाए। केपटाउन टी-20 में वो मैन ऑफ द मैच भी बने लेकिन धोनी को जिस तरह रैना ने अनसुना किया। उसे देखकर यही कर सकते है दोस्त दोस्त ना रहा।