सीरीज में मिली पहली हार...जानिए कौन है विराट का सबसे बड़ा गुनाहगार
ना क्रीज पर टिकने की हिम्मत... ना अफ्रीकी गेंदबाजों को खेलने का साहस और ना गेंद को बाउंड्री पहुंचाने का दमखम तो क्या इनके भरोसे विराट अफ्रीका में इतिहास रचने की तैयारी कर रही थी।
ना क्रीज पर टिकने की हिम्मत... ना अफ्रीकी गेंदबाजों को खेलने का साहस और ना गेंद को बाउंड्री पहुंचाने का दमखम तो क्या इनके भरोसे विराट अफ्रीका में इतिहास रचने की तैयारी कर रही थी। क्या इनके भरोसे अफ्रीका में पहली सीरीज़ जीतने निकले है। एक कप्तान जो पूरे दौरे पर अकेले लड़ा रहा है। टीम को जीत पर जीत दिला रहा है लेकिन जब टीम को वनडे सीरीज़ में पहली हार मिली तो इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन खुल कर सामने आ गया। ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक मैच में रोहित, रहाणे या हार्दिक फेल हुए ..इनका प्रदर्शन पूरी सीरीज़ के दौरान बेहद खराब रहा।
पहला गुनहगार रोहित शर्मा
जिस खिलाड़ी ने दो बार वनडे में दोहरा शतक जमाया हो..उसका हाल देखिए...ऐसा लग रहा है रोहित जैसे डरे सहमे होकर बल्लेबाजी कर रहे है। रोहित ने सीरीज़ के 4 मैच में 10 की औसत से सिर्फ 40 रन बनाए है। इस दौरे पर रवाडा ने उन्हें 6 बार पवैलियन का रास्ता दिखाया है। रोहित की बल्लेबाजी ने विदेश में उनके प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। टेस्ट के बाद वनडे में भी रोहित के खराब प्रदर्शन ने टीम मैनेजमेंट की चिंता बढ़ा दी है। अगर अगले मैच में रोहित टीम आखिरी इलेवन का हिस्सा ना हो तो चौंकिएगा नहीं।
दूसरा गुनहगार अजिंक्य रहाणे
जब टीम को रहाणे की सबसे ज्यादा जरुरत थी तो वो ऐसे गैरजिम्मेदाराना शॉट्स खेलने पवैलियन लौट गए। ऐसा पहली बार नहीं है केपटाउन वनडे में भी रहाणे का आउट होने का अंदाज ऐसा ही था। रहाणे ने सीरीज़ के 4 मैच में 32.66 की औसत से 98 रन बनाए। कप्तान को रहाणे से बेहद उम्मीद है लेकिन उनका गैरजिम्मेदाराना शॉट्स उनकी बल्लेबाजी पर सवाल उठाता है।
तीसरा गुनहगार हार्दिक पंड्या
ना बल्ले की बाजीगरी और ना गेंद का जादू... हार्दिक इस टीम में क्यों है ये किसी के भी समझ से बाहर है। पंड्या ने बल्ले से 4 मैच में 13 की औसत से 26 रन बनाए है। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने अभी तक विकटों का खाता नहीं खोला है। कप्तान को हार्दिक पर अपनी सोच जल्द ही बदलनी होगी ..तभी मैच का नतीजा भी बदलेगा।
चौथा गुनहगार श्रेयस अय्यर
जोहान्सबर्ग वनडे में हार के गुनहगार है श्रेयस। अहम मौके पर कैच टप्पकाना हो या फिर बल्लेबजी में रन बनाना हो। श्रेयस ने दोनों ही जगह हीरो बनने का मौका खोया। जब तक टीम जीत रही थी तब तक ये खिलाड़ियों पर्दे के पीछे छिप रहे थे लेकिन एक बार ने टीम के इन गुनहगारों को सामने लाकर रख दिया है।