A
Hindi News खेल क्रिकेट घर में 'शेर', तो विदेशों में खुद को 'सवा शेर' साबित करने उतरेगी टीम इंडिया

घर में 'शेर', तो विदेशों में खुद को 'सवा शेर' साबित करने उतरेगी टीम इंडिया

विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया इस बार इतिहास रचने के उम्मीद से ही दक्षिण अफ्रीका गई है।

भारत और दक्षिण...- India TV Hindi भारत और दक्षिण अफ्रीकी टीम

भारतीय टीम 5 जनवरी से जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में उतरेगी तो टीम का इरादा विदेशों में भी खुद को साबित करने का होगा। साल 2018-19 में भारत को 3 विदशी दौरे करने हैं और दक्षिण अफ्रीका दौरा उसी की शुरुआत है। दुनिया की नंबर एक टीम भारत ने दूसरे स्थान की टीम दक्षिण अफ्रीका पर मजबूत बढ़त बना रखी है और अगर टीम को टेस्ट सीरीज में 0-3 से क्लीनस्वीप का सामना भी करना पड़ता है तो भी वो पहले नंबर पर ही रेहगी। हालांकि विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया इस बार इतिहास रचने के उम्मीद से ही दक्षिण अफ्रीका गई है।  (भारत बनाम दक्षिण अफ़्रीका टेस्ट सिरीज़ की स्पेशल कवरेज देखने के लिए क्लिक करें)

टीम इंडिया का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर: लगातार नौ सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास से भरी है। टीम इंडिया को पूरी उम्मीद है कि वो किसी भी हालात में जीत दर्ज कर सकते हैं। भारत ने आखिरी सीरीज ऑस्ट्रेलिया से 2014-15 में हारी थी इसके बाद से ही टीम लगातार अजेय है। हालांकि इस दौरान टीम ने 9 में से 6 सीरीज अपने घर पर तो वहीं 2 श्रीलंका और 1 वेस्टइंडीज में जीती है।

दक्षिण अफ्रीका में खराब रिकॉर्ड: दक्षिण अफ्रीका में भारत का रिकार्ड काफी खराब है। दक्षिण अफ्रीका में टीम इंडिया को 6 में से 5 सीरीज में शिकस्त का सामना करना पड़ा, जबकि एक सीरीज ड्रॉ रही। भारत ने 1992 से दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर खेले 17 टेस्ट में से सिर्फ दो में जीत दर्ज की है। टीम ने एक मैच में जीत 2006-07 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में जबकि एक 2010-11 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में दर्ज की थी। 

अनुभवी खिलाड़ी करेंगे कमाल: आखिरी 2 दक्षिण अफ्रीका दौरों पर टीम इंडिया ने अच्छा खेल दिखाया है। टीम ने 2010-11 में सीरीज ड्रॉ कराई, जबकि 2013-14 में उसे कड़ी टक्कर देने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। भारत की 2013-14 टीम के 13 खिलाड़ी मौजूदा टीम के सदस्य हैं जो काफी अनुभव हासिल कर चुके हैं और इस लिहाज से उन्हें दक्षिण अफ्रीका में भी खेलने का अनुभव है।

दक्षिण अफ्रीका की टीम शानदार फॉर्म में है और टीम ने इसका उदाहरण बॉक्सिंग डे टेस्ट में जिम्बाब्वे को बुरी तरह हराकर दे दिया है। केपटाउन के न्यूलैंड्स में दक्षिण अफ्रीका का रिकॉर्ड शानदार है। केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने कुल 54 टेस्ट खेले हैं। इस दौरान टीम को 23 में जीत, 20 में हार मिली है और 11 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। भले ही दक्षिण अफ्रीका का इस मैदान पर ये रिकॉर्ड आम लगे लेकिन अगर साल 2003 के बाद से दक्षिण अफ्रीका के रिकॉर्ड की बात करें तो टीम को सिर्फ 2 ही मैचों में हार मिली है और दोनों बार टीम को ऑस्ट्रेलिया ने हराया है। 

खास बात ये है कि दक्षिण अफ्रीका को जो 2 हार मिली हैं वो दोनों ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही आई हैं। इस दौरान मेजबान टीम ने पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे, भारत, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, श्रीलंका जैसी टीमों से मैच खेले हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर कोई भी टीम दक्षिण अफ्रीका को नहीं हरा सकी। दक्षिण अफ्रीका ने 2003 से लेकर अब तक इस मैदान पर कुल 20 मैच खेले हैं। इस दौरान टीम को 13 में जीत, 2 में हार मिली है और 5 मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकल सका। भारत की तरह दक्षिण अफ्रीकी टीम में भी चयन को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। 

टीमें इस प्रकार हैं: 
भारत: विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, लौकेश राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, रिद्धिमान साहा, हार्दिक पंड्या, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और पार्थिव पटेल। 

दक्षिण अफ्रीका: फैफ डू प्लेसी (कप्तान), डीन एल्गर, एडेन मार्कराम, हाशिम आमला, तेम्बा बावुमा, थ्यूनिस डी ब्रुएन, क्विंटन डी काक, केशव महाराज, मॉर्ने मॉर्कल, डेल स्टेन, क्रिस मॉरिस, वैर्नन फिलेंडर, कागिसो रबाडा और एंडिले फेहलुकवाओ।

Latest Cricket News