भारत के साथ पिछले 12 साल से बायलेटरल सीरीज नहीं होने के कारण पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव और सीमापार आतंकी घटनाओं की वजह से साल 2008 से ही किसी भी तरह का क्रिकेट सीरीज नहीं खेला गया है। दोनों ही टीम में इस दौरान सिर्फ आईसीसी और एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में ही एक दूसरे के खिलाफ मैदान पर आमने-सामने हुए हैं।
भारत और पाकिस्तान की टीमें आखिरी बार पिछले साल इंग्लैंड में खेले गए आईसीसी विश्व कप में एक-दूसरे से भिड़ी थी जहां पाकिस्तान क्रिकेट टीम को 89 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा था।
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रिपोर्ट के मुताबिक भारत-पाक बायलेटरल सीरीज नहीं होने के कारण अबतक पीसीबी को करीब 90 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है जो कि भारतीय मुद्रा में यह 690 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।
वहीं पीसीबी को इस दौरान सबसे अधिक नुकसान मीडिया राइट्स से हुआ है। पीसीबी ने भारत-पाक सीरीज से करीब 1145 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था लेकिन सीरीज नहीं होने के कारण ब्रॉडकास्ट कंपनी की ओर से बोर्ड को यह रकम नहीं मिली।
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इस दौरन पाकिस्तान ने कई बार आईसीसी में भारत के खिलाफ के बायलेटरल सीरीज नहीं खेलने की शिकायत और उनके नुकसान की भरपाई करने करने को भी कहा लेकिन यहां भी अबतक उसे निराशा ही हाथ लगी।
आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी चाहता है पाकिस्तान
हालांकि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के हालात में सुधार हुए हैं और वहां इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हुई है। हाल ही में पाकिस्तान सुपर लीग का आयोजन भी यहां कराया गया था लेकिन कोरोना वायरस के नॉकआउट स्टेज को स्थगित कर दिया गया।
ऐसे में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अब यूएई के साथ मिलकर आईसीसी के बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी हासिल करना चाहता है। पीसीबी के चेयरमैन एहसान ने मनी ने 2023 से 2031 के बीच होने वाले आईसीसी के 6 में से 5 बड़े इवेंट की मेजबानी के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारी में हैं।
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