टी20 और वनडे सीरीज के बाद कल यानी 21 फरवरी से भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो मैच की टेस्ट सीरीज खेली जानी है। इस टेस्ट सीरीज का आगाज बेसिन रिजर्व, वेलिंगटन में खेले जाने वाले पहले मैच से होगा। इस टेस्ट सीरीज में कोहली के सामने टॉस को लेकर बड़ी समस्या खड़ी है। दरअसल, ओवरसीज में भारत अभी तक एक भी मैच पहले फील्डिंग करके नहीं जीत पाया है और न्यूजीलैंड में उसी टीम ने ज्यादा मैच जीते हैं जिसने पहले गेंदबाजी की हो।
भारत ने 2014 में न्यूजीलैंड का आखिरी दौरा किया था, तब से लेकर आज तक न्यूजीलैंड में कुल 19 टेस्ट मैच जीते गए हैं जिसमें से 12 टेस्ट मैच पहले फील्डिंग करने वाली टीम जीती है। इसमें मेजबानों ने 9, ऑस्ट्रेलिया ने 2 और साउथ अफ्रीका ने 1 मैच जीता है। इन आंकड़ों को देखर कहा जा सकता है कि विराट कोहली इस टेस्ट सीरीज में अगर टॉस जीतते हैं तो उन्हें गेंदबाजी करने का निर्णय ही लेना चाहिए। लेकिन कोहली ऐसा कदम उठाने से पहले पिछले न्यूजीलैंड दौरे और भारत के ओवरसीज में पहले फील्डिंग करने के रिकॉर्ड के बारे में जरूर सोचेंगे।
भारत ने अभी तक ओवरसीज यानी एशिया के बाहर में एक भी मैच पहले फील्डिंग करते हुए नहीं जीता है। 2014 से अब तक भारत ने ओवरसीज में 14 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्हें 9 में हार का सामना करना पड़ा है जबकि 5 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे हैं।
वहीं 2014 के न्यूजीलैंड दौरे पर भारत ने दोनों ही टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया था। लेकिन वह फिर भी सीरीज हार गए थे। पहले मैच में भारत को 40 रन से हार का सामना करना पड़ा था तो दूसरा मैच ड्रॉ रहा था।
अब सवाल यह उठता है कि कोहली टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करेंगे या फिर गेंदबाजी?
अगर हम अपनी राय दें तो कोहली को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी ही करनी चाहिए। दरअसल, न्यूजीलैंड दौरे पर भारत की लगभग-लगभग वही टीम पहुंची है जो टीम 2018 में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर पर मात देकर आई थी। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली ने 4 मैच में से तीन मैच में टॉस जीते थे और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया था। इन तीन मैचों में से भारत 2 मैच जीतने में सफल रहा था।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कोहली आंकड़ों के साथ जाते हैं या फिर मैच के दिन कंडिशन और पिच को मद्देनजर टॉस का फैसला लेते हैं।
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