आकलैंड। भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में शुक्रवार को यहां डीआरएस प्रणाली पर एक बार फिर उस समय विवाद शुरू हो गया जब तीसरे अंपायर ने डेरिल मिशेल को पगबाधा आउट दे दिया। इससे ‘खेल भावना’ पर भी चर्चा शुरू हो गयी।
न्यूजीलैंड के मिशेल का यह पदार्पण मैच था। कृणाल की गेंद पर विवादास्पद तरीके से वह अंपायर के गलत फैसले का शिकार हुये जबकि ‘हाटस्पाट’ से जाहिर था कि गेंद बल्ले से लगकर पैड से टकरायी।
मैदानी अंपायर ने पहले उसे पगबाधा आउट दिया था जिसके बाद उसने कप्तान केन विलियमसन के कहने पर डीआरएस लिया। टीवी अंपायर शान हैग ने उसे आउट दिया जबकि गेंद बल्ले से लगकर गई थी।
टेलीविजन स्क्रीन पर यह साफ दिख रहा था कि गेंद ने बल्ले के अंदरूनी हिस्से से टकरायी थी। हाटस्पॉट ने भी इस बात की पुष्टि की लेकिन तीसरे अंपायर हैग ने उन्हें आउट दे दिया।
उस समय कमेंट्री बाक्स में बैठे कमंटेटरों ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी गलती है।’’ इसके बाद भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेन्द्र सिंह धोनी ने मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा की मौजूदगी में विलियमसन और अंपायर से बात की। मैदानी अंपायर ने हालांकि नियमों का पालन किया और मिशेल को मैदान से बाहर जाना पड़ा।
मिशेल आउट होने से तभी बच सकते थे जब रोहित उन्हें वापिस बुला लेते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। कीवी टीम ने विवादित फैसले को सहजता से स्वीकार कर यह जता दिया कि उन्हें अकसर आईसीसी की ओर से खेल भावना का पुरस्कार क्यों दिया जाता है।
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