भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में एक बार फिर वही हुआ जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था। विराट कोहली के आउट होने के बाद उनके पसंदीदा खिलाड़ी हार्दिक पंड्या क्रीज पर उतरे। पंड्या से हर किसी को उम्मीद थी कि वो भारत की पारी को आगे जरूर बढ़ाएंगे और टीम को जीत की तरफ ले जाएंगे। लेकिन पंड्या ने हर किसी की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए वो किया जो वो इस सीरीज में करते आए हैं। हम यहां तीसरे मैच की बात नहीं कर रहे हैं। क्योंकि वो ही मैच था जिसमें पंड्या ने बल्ले और गेंद से कमाल दिखाया। लेकिन उस मैच से पहले और उस मैच के बाद पंड्या फिर से फ्लॉप होने लगे। पंड्या जिस तरह का प्रदर्शन कर रहे हैं उससे वो सही मायनों में टीम पर बोझ नजर आ रहे हैं।
पंड्या बने टीम पर बोझ: पंड्या के बल्लेबाजी की बात करें तो साल 2018 में एशिया के बाहर खेले गए 14 मैचों में सिर्फ 2 अर्धशतक लगा सके हैं। वहीं, इस साल पंड्या ने 8 टेस्ट मैचों में 25.28 की खराब औसत से 354 रन बनाए हैं। पंड्या के बल्ले से 3 अर्धशतक निकले हैं। वहीं, इंग्लैंड में मौजूदा सीरीज में पंड्या ने (22, 31, 11, 26, 18, 52*, 4, 0) का स्कोर किया है।
गेंदबाजी में तो उनका और भी ज्यादा बुरा हाल है। इस साल खेले गए 8 मैचों में उन्होंने सिर्फ 13 विकेट लिए हैं। मौजूदा सीरीज में पंड्या 10 विकेट मिले हैं। साफ है कि पंड्या ना तो बल्ले से कुछ कर पा रहे हैं और ना ही उनकी गेंदबाजी में दम नजर आ रहा है। ऐसे में पंड्या सही मायनों में टीम पर बोझ बने हुए हैं और सवाल ये है कि भारतीय टीम उन्हें कब तक ढोएगी।
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