इंदौर। बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक लगाने वाले मयंक अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने अपने करियर मे असफलता के बारे में सोचना छोड़ दिया था जिसके कारण उनका खेल और निखरकर कर सामने आया है। अग्रवाल ने शुक्रवार को टेस्ट मैच के दूसरे दिन दमदार बल्लेबाजी की और 243 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाया।
मैच के बाद अग्रवाल ने कहा, "मानसिकता की बात की जाए तो मैंने अपने जेहन असफलता का डर निकाल दिया है जिसके कारण मुझे में बहुत बड़ा बदलाव आया है। मन से डर को निकालने के बाद मुझमें रनों की भूख पैदा हो गई, ऐसा भी समय रहा है जब मैं रन नहीं बना पाया। अब मैं जब भी सेट हो जाता हूं तो बड़े रन बनाने की कोशिश करता हूं।"
अपने सफर पर बात करते हुए अग्रवाल ने कहा, "निश्चित रूप से मैंने अपने सफर का बहुत आनंद लिया है। मेलबर्न में मेरा पहला मैच खेलना बहुत खास था। मैंने टीम की जीत में योगदान दिया और भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती इससे मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ।"
अग्रवाल ने कहा, "यही वह भावना है जो मुझे और टीम के बाकी खिलाड़ियों को आगे बढ़कर टूर्नामेंट जीतने के लिए प्रेरित करती है। मैं एक समय पर एक गेंद खेलने और जब तक संभव हो बल्लेबाजी करने का प्रयास करता हूं।"
बता दें की मयंक अग्रवाल ने अपने टेस्ट करियर की 12 पारियों में दूसरा दोहरा शतक जड़ डाला, जिस मामले में उन्होंने डॉन ब्रैडमैन को पछाड़ दिया है। डॉन ने अपने करियर की 13वीं पारी में दूसरा दोहरा शतक जड़ा था। जबकि इस मामले में सबसे आगे विनोद कांबली हैं जिन्होंने महज 5 पारियों में दूसरा दोहर शतक जड़ डाला था।
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