भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेले जा रहे सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में पूरे मैदान से लेकर खिलाड़ियों तक सभी पिंक-पिंक नजर आ रहे हैं। खुद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बैटिंग के दौरान पिंक ग्लव्स पहने हुए थे। ग्लव्स के अलावा उनके बल्ले पर भी पिंक ग्रिप चढ़ी हुई थी। यहां तक अंपायर की कैप पर बना आईसीसी का लोगो भी पिंक कलर का है। ऑस्ट्रेलिया में साल 219 का ये पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस मैच में इस्तेमाल की जा रही स्टंप्स भी पिंक कलर की है। इस टेस्ट मैच को पिंक टेस्ट भी कहा जाता है। वो इसलिए क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज ग्लैन मैग्रा की संस्था ग्लैन मैक्ग्रा फाउंडेशन ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए होम सीजन के सिडनी में खेले जाने वाले मैच में स्पेशल अभियान चलाती है। मैच के दौरान लोग अपना समर्थन जताने के लिए पिंक रंग के कपड़े पहनते हैं। मैच के दौरान स्टंप से लेकर स्टेडियम की अधिकांश चीजों का पिंक कलर में रंग दिया जाता है।
ग्लैन मैग्रा क्यों करते हैं ये नेक काम?
आपको जानकर हैरानी होगी कि जो ग्लैन मैग्रा आज लोगों को कैंसर के प्रति जागरुक कर रहे हैं वो खुद इस गंभीर बीमारी के भुक्तभोगी रहे हैं। दरअसल ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज की पत्नी जेन मैक्ग्रा की मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुई थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी की याद में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह कदम उठाया। इस टेस्ट मैच से जुटाई गई राशि ग्लेन मैक्ग्रा फाउंडेशन को दी जाती है जो कि ऑस्ट्रेलिया में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के साथ-साथ शिक्षा के लिए काम करती है। आपको बता दें कि इस फाउंडेशन की शुरुआत साल 2005 में ग्लैन और उनकी पत्नी जेन ने ब्रेस्ट कैंसर से उबरने के बाद की थी लेकिन इसके तीन साल बाद जेन का निधन हो गया और इसके एक साल बाद पिंक टेस्ट मैच ने वास्तविक्ता का रूप ले लिया।
मैच की बात करें तो मार्कस हैरिस (79) के अर्धशतक की मदद से आस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन खबर लिखे जाने तक यहां तीन विकेट पर 163 रन बनाये। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे मैच में भारत ने अपनी पहली पारी सात विकेट पर 622 रन पर समाप्त घोषित की थी।
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