भारतीय टीम की दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहद मुश्किल हालातों में अर्धशतक लगाकर टीम इंडिया के बाकी के बल्लेबाजों के सामने उदाहरण पेश किया। एक तरफ भारतीय टीम के विकेट लगातार गिर रहे थे, तो दूसरी तरफ पुजारा ने एक छोर संभाले रखा और टिककर बल्लेबाजी करते रहे। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए पुजारा ने धीरे-धीरे अपनी पारी को बढ़ाया और 153 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
पुजारा के टेस्ट करियर का ये 20वां अर्धशतक है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके बल्ले से निकलने वाली ये 7वीं फिफ्टी है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में पुजारा के बल्ले से ये दूसरा अर्धशतक निकला है। खास बात ये है कि पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया में जो दो अर्धशतक लगाए हैं वो दोनों ही उन्होंने एडिलेड में ही लगाए हैं।
इस अर्धशतक के साथ ही पुजारा ने दूसरे बल्लेबाजों को बल्लेबाजी का पाठ भी पढ़ाया। पुजारा के सामने भारत के लगातार विकेट गिर रहे थे। हर बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के जाल में फंसता जा रहा था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ऑफ स्टंप के बाहर की लाइन पकड़कर गेंदबाजी कर रहे थे और ज्यादातर बल्लेबाज ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों को छेड़ने के चक्कर में आउट होते चले गए।
लेकिन पुजारा ने अपनी एकाग्रता भंग नहीं होने दी और सोच-समझकर बल्लेबाजी करते रहे। पुजारा के धैर्य का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने अर्धशतक के लिए 150 से ज्यादा गेंदें लीं। आपको ये भी बता दें कि पुजारा ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 14,000 रन पूरे कर लिए हैं।
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