ये संयोग कर रहा है ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया की जीत का इशारा, बदल सकता है इतिहास
आपको एक संयोग जानकर हैरानी होगी कि अब से लगभग 14 साल पहले भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ कुछ ऐसा हुआ था कि उसके दो मैच विनर खिलाड़ी नहीं खेले थे और टीम इंडिया वो सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रही थी।
काफी बयानवाजी के बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के लंबे दौरे पर पहुंच ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई है। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया में पहले टी20 और फिर बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज खेलेगी। बता दें कि भारत आज तक ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीता है। लेकिन इस बार लगभग सभी क्रिकेट दिग्गज इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि भारत ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच सकता है। दरअसल क्रिकेट दिग्गज इसलिए भी ये बात मान रहे हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम के दो दिग्गज खिलाड़ी बाहर हैं। बॉल टेम्परिंग विवाद में दोषी पाए जाने के बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर एक-एक साल के लिए बैन लगा है। इसके अलावा कैमरून बेनक्राफ्ट जैसा टेस्ट प्लेयर भी इसी विवाद में 9 महीने का बैन झेल रहा है। ऐसे में क्रिकेट विषेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों बड़े खिलाड़ियों की गैरमौजदगी में मौजूदा टीम इंडिया का पलड़ा भारी है। इसमें कोई दोराय नहीं कि आईसीसी टेस्ट रैकिंग में नंबर वन टीम इंडिया इस समय अपनी बेस्ट फॉर्म में है। लेकिन आपको एक संयोग जानकर हैरानी होगी कि अब से लगभग 14 साल पहले भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ कुछ ऐसा हुआ था कि उसके दो मैच विनर खिलाड़ी नहीं खेले थे और टीम इंडिया वो सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रही थी।
जी हां, दरअसल हम बात कर रहे हैं 2003-04 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे की जहां भारत चार मैचों की टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रहा था। इस इस चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने एक-एक मैच जीता था जबकि भारत दो मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था। इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के लिए दो बड़े खिलाड़ी नहीं थे। ये खिलाड़ी थे दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा और स्पिन सनसनी शेन वॉर्न।
Highlights
- 2003-04 में भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रहा था।
- सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के लिए दो बड़े खिलाड़ी नहीं थे।
- इस बार भी ऑस्ट्रेलियाई टीम में दो बड़े खिलाड़ी नहीं खेल रहे हैं।
जहां ग्लेन मैकग्रा चोट के कारण सीरीज में नहीं खेले थे तो वहीं शेन वॉर्न सस्पेंड चल रहे थे। वॉर्न को फरवरी 2003 में ड्रग लेने का दोषी पाया गया था जिसके बाद उन्हें एक साल के लिए बैन कर दिय गया था। उस समय शेन वॉर्न और ग्लेन मैकग्रा की गेंदबाजी का खौफ पूरी दुनिया खाती थी ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की बल्लेबाजी का दुनिया में हर कोई मुरीद 'था'। अब भारत जब इन खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा तो उसकी निगाहें साल 2003-04 के प्रदर्शन से आगे बढ़ते हुए सीरीज अपने नाम करने पर होंगी।
भारत के 2003-04 दौरे की बात करें तो भारत सौरव गांगुली की जुझारी पारी (144) के दम पर पहला मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा था। वहीं दूसरे मैच में रिकी पोटिंग के दौरे शतक के बावजूद भारत मैच चार विकेट से अपने नाम करने में सफल रहा था। इसके पीछे कारण थी राहुल द्रविड़ की 233 रनों की सबसे यादगार पारी। इस मैच में वीवीएस लक्ष्मण ने भी 148 रनों की पारी खेली थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में पोंटिंग के दोहरे शतक की बदौलत 556 रन बनाए। जवाब में भारत ने राहुल द्रविड़ के (233) और लक्ष्मण (144) की ऐतिहासिक पारियों के दम पर भारत ने अपनी पहली पारी में 523 रन बनाए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 196 रन बनाए। भारत ने जीत के लिए मिले 233 रनों के लक्ष्य को दूसरी पारी में द्रविड़ (72) और सहवाग (47) की पारी की बदौलत हासिल कर मैच अपने नाम कर लिया था। हालांकि अगला मैच भारत हार गया था और आखिरी मैच ड्रॉ रहा था। अब कोहली के कंधो पर इस प्रदर्शन से आगे बढ़ते हुए भारत को सीरीज जिताने की जिम्मेदारी है।