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Hindi News खेल क्रिकेट 2007 WC में इस गलतफहमी की वजह से भारत को बांग्लादेश के हाथों मिली हार, रहीम ने किया खुलासा

2007 WC में इस गलतफहमी की वजह से भारत को बांग्लादेश के हाथों मिली हार, रहीम ने किया खुलासा

ग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम ने कहा है कि 2007 विश्व कप में भारत के खिलाफ शानदार पारी की वजह से टीम की प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह पक्की हो गई थी।

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बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम ने कहा है कि 2007 विश्व कप में भारत के खिलाफ शानदार पारी की वजह से टीम की प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह पक्की हो गई थी। 2007 विश्व कप में भारत के खिलाफ मैच में जब रहीम  बल्लेबाजी करने उतरे थे तो उनके करियर का वो सिर्फ 12वां मैच था। पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए ग्रुप बी इस मुकाबले में रहीम ने भारत के खिलाफ नाबाद 56 रन बनाए थे और बांग्लादेश को 5 विकेट जीत दिलानें में अहम भूमिका निभाई थी।

रहीम, जो उस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे, ने खुलासा किया कि उन्हें सीनियर मोहम्मद अशरफुल ने विजयी रन बनाने का मौका दिया था। उस मैच में तमीम इकबाल, शाकिब अल हसन और रहीम ने अर्धशतक जमाए थे।

उन्होंने कहा, 'भारत के खिलाफ पारी के ब्रेक के दौरान मुझे पता था कि मैं नंबर 3 पर बल्लेबाजी कर रहा हूं। मेरे पास इस बारे में सोचने के लिए बहुत कम समय था। यह भारत का पहला मैच था और उन्हें लगा कि बड़े मुकाबलों से पहले ये मैच बल्लेबाजी के लिए अभ्यास का अच्छा मौका होगा। यह एक मुश्किल विकेट था।"

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मुश्फिकुर रहीम ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, "तमीम इक़बाल ने हमें एक अच्छी शुरुआत दी, तब मैं सैटल हो रहा था। इसके बाद मैंने शाकिब [अल हसन] के साथ शानदार साझेदारी की। इससे मुझे मेरे सबसे बड़े मंच पर अंडर -19 टीम के दो साथियों के साथ बल्लेबाजी करना काफी आसान बना दिया।"

रहीम ने कहा, "जब मैंने विजयी रना मारा तो मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि क्या हो रहा है। मुझे [मोहम्मद] अशरफुल भाई को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने मुझे विजयी रन बनाने का मौका दिया। वह पिछले ओवर में जहीर खान के ओवर में जी हासिल कर सकते थे। मुझे यकीन करने में थोड़ा समय लगा, लेकिन जब हमें सभी की तरफ से बधाई संदेश मिलने लगे, तो मुझे लगा कि हमने देश के लिए कुछ बड़ा हासिल किया है।”

रहीम ने आगे कहा कि इस तरह की पारियां उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने का एहसास कराती है, खासकर जब टीम में उनके स्थान को लेकर लोगों को संदेह हो रहा हो, क्योंकि वे अनुभवी खालिद मसूद के स्थान पर आए थे।

“इस पारी से पहले मुझ पर बहुत दबाव था। पायलट भाई की जगह, जिसने लंबे समय तक बांग्लादेश टीम की सेवा की है, एक बड़ी चुनौती थी। मुझे लगा कि अगर कोई घायल हो गया तो मुझे मौका मिल सकता है, लेकिन मैंने खुद को पहली पसंद के तौर पर उम्मीद नहीं की थी। इसके बाद एक डिनर पार्टी में सभी टीमों ने भाग लिया, जहां मैंने ब्रायन लारा और सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ियों को देखा।"

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