टीम इंडिया की हार पर बोला ये खिलाड़ी सिर्फ आखिरी मैच में मिला मौका इसलिए था नर्वस
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम आठ विकेट पर 256 रन ही बना सकी जिसके बाद भारतीय गेंदबाज रूट और इयोन मोर्गन की तीसरे विकेट की 186 रन की साझेदारी को तोड़ने में नाकाम रहे और मेजबान टीम ने आसान जीत दर्ज की।
लीड्स: भारत के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर का मानना है कि बेंच से आकर सीधे दबाव वाले मैच में अच्छा प्रदर्शन करना आसान नहीं होता और उन्हें भी इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे और निर्णायक वनडे मैच में परेशानी का सामना करना पड़ा।
कल आखिरी मैच में ठाकुर को सिद्धार्थ कौल की जगह मौका दिया गया लेकिन जो रूट के 13वें वनडे शतक की बदौलत इंग्लैंड ने यह मैच 8 विकेट से जीत लिया। ठाकुर ने मैच में 10 ओवर में 51 रन देकर एक विकेट चटकाया।
ठाकुर ने हार के बाद कहा,‘‘मैं दक्षिण अफ्रीका में अंतिम मैच में खेला था और तब हमने सीरीज जीती थी। इस मैच में खेलते हुए बेशक मैं थोड़ा नर्वस था क्योंकि यह निर्णायक मैच था। जब आपको दबाव की स्थिति में रखा जाता है तो यह खिलाड़ी की जिम्मेदारी होती है कि वह अपना शीर्ष खेल दिखाए। कभी कभी नतीजे आपके पक्ष में होते हैं और कभी नहीं।’’
उन्होंने कहा,‘‘जब एकमात्र मैच में मौका मिलता है तो मैदान पर उतरते हुए मेरी मानसिकता यही होती है कि मैं टीम के लिए मैच जीतूं। यह मैच खेलते हुए भी ऐसा ही था। जब मैं अलग अलग टीमों के लिए खेलता हूं, चाहे भारत ए हो या घरेलू क्रिकेट, हमेशा ऐसा ही होता हूं।’’
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम आठ विकेट पर 256 रन ही बना सकी जिसके बाद भारतीय गेंदबाज रूट और इयोन मोर्गन की तीसरे विकेट की 186 रन की साझेदारी को तोड़ने में नाकाम रहे और मेजबान टीम ने आसान जीत दर्ज की।
भारत ने टी20 सीरीज 2-1 से जीती लेकिन वनडे सीरीज में उसे इसी अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
शार्दुल ने कहा,‘‘यह दुर्भाग्यशाली है कि हमने यह मैच गंवा दिया। लेकिन आप कुल मिलाकर देखो तो हमने अच्छा प्रदर्शन किया। अगले साल होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए इस टी20 और वनडे सीरीज से बल्लेबाजों ने जो भी सीखा वह उपयोगी होगा।’’
कप्तान विराट कोहली और शिखर धवन ने दूसरे विकेट के लिए 71 रन की साझेदारी करके भारत को अच्छी स्थिति में रखा था लेकिन धवन के रन आउट होने के बाद भारत का मिडिल ऑर्डर चरमरा गया और टीम का स्कोर पांच विकेट पर 158 रन हो गया।
ठाकुर ने कहा,‘‘शिखर और विराट काफी अच्छा खेल रहे थे। अगर वे 40वें ओवर तक टिके रहते तो शायद स्थिति अलग होती और हम 300 रन तक बना सकते थे। बीच के ओवरों में गंवाए विकेटों ने अंतर पैदा किया।’’