टीम इंडिया को नहीं खलेगी भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की कमी: डैरेन गॉ
भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह फिलहाल चोटिल हैं।
इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डैरेन गॉ को लगता है कि भारतीय तेज आक्रमण में इतना दमखम है कि वो एक अगस्त से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह की कमी को पूरा कर सकते हैं। गॉ ने कहा कि भुवनेश्वर (पहले तीन टेस्ट) और बुमराह (पहला टेस्ट) की गैरमौजूदगी में भी कप्तान विराट कोहली के पास तेज और स्पिन गेंदबाजी विभाग में कई विकल्प मौजूद हैं जो किसी भी पिच पर प्रभावी गेंदबाजी कर सकते हैं। गॉ ने कहा, ‘‘भुवनेश्वर का टीम में नहीं होना टीम के लिए झटका है और वो चोटिल होने के कारण वनडे सीरीज में भी लय में नहीं थे। भारतीय टीम अब वैसी टीम नहीं है जो एक या दो गेंदबाजों पर निर्भर रहे। पहले वो अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ और जहीर खान पर काफी निर्भर रहते थे, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है और वो टेस्ट सीरीज के लिए तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप घरलू मैदान पर खेल रहे हो या बाहर आज के दौर में आपको भारत को हराने के लिए अपने खेल के शीर्ष पर रहना होगा क्योंकि उनकी गेंदबाजी में सब कुछ मौजूद है। भुवनेश्वर के पास स्विंग है, बुमराह गेंद को स्किड कराते हैं, उमेश यादव के पास गति के साथ गेंद को मूव कराने की क्षमता है, मोहम्मद शमी मजबूत हैं और जोर लगा कर गेंद को पिच पर टप्पा दिलाते हैं और इशांत शर्मा अनुभवी और आक्रामक हैं जो लंबे स्पेल डाल सकते हैं।’’ (Also Read:विराट कोहली अब 4 साल पहले वाले खिलाड़ी नहीं रहे, इंग्लैंड में लगाएंगे रनों की झड़ी: राजकुमार शर्मा)
गॉ ने कहा कि कुलदीप यादव के आने से भारतीय स्पिन आक्रमण और मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सब से ऊपर आपके पास तीन शानदार स्पिनर हैं। रविचंद्रन अश्विन को भारतीय पिचों पर खेलना लगभग नामुमकिन है, रविन्द्र जडेजा लगातार विकेट झटकते रहते हैं और कुलदीप यादव ने खुद को इंग्लैंड में साबित किया है। टीम का चयन आसान नहीं होगा, भारतीय टीम प्रबंधन को मेरी शुभकामनाएं क्योंकि किसी ना किसी को नाराज होना होगा।’’
इंग्लैंड की टीम में स्पिन गेंदबाज आदिल राशिद और मोईन अली के चयन पर भले ही सवाल उठे हों लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था। गॉ ने कहा, ‘‘टेस्ट टीम में उनका (राशिद) चयन नहीं होना चाहिए क्योंकि उन्होंने लंबे प्रारूप में खेलना छोड़ दिया था। जब उन्होंने घरेलू सत्र की शुरुआत में यॉर्कशर को बीच मझधार में छोड़ा तो मैं निराश था। मुझे लगता है कि अगर उन्होंने लाल गेंद से थोड़ी ज्यादा मेहनत की होती तो वो इंग्लैंड की टेस्ट टीम के नियमित सदस्य होते। इसमें कोई शक नहीं की वो इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं। लेकिन मैं उनसे (प्रथम श्रेणी क्रिकेट के प्रति रवैये से) निराश हूं।’’