Ind vs Sl: बदली में चमकी श्रीलंका, ये हैं तीन कारण
देखा जाए तो तीन दिन में जितना भी खेल संभव हो सका है, श्रीलंका हावी रही है, वो श्रीलंका जिसे बहुत कमज़ोर और अनुभवहीन माना जा रहा था.
कोलकता: भारत और श्रीलंका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सिरीज़ का पहला मुक़ाबला दिलचस्प दौर में पहुंच चुका है. मैच में तीनों नतीजे संभव नज़र आ रहे हैं यानी मैच भारत भी जीत सकता है और श्रीलंका भी. ड्रॉ को भी सिरे से ख़ारिज नहीं किया जा सकता. बहरहाल, देखा जाए तो तीन दिन में जितना भी खेल संभव हो सका है, श्रीलंका हावी रही है, वो श्रीलंका जिसे बहुत कमज़ोर और अनुभवहीन माना जा रहा था.
1-टॉस क्या दिग्गजों को भी हिला सकता है?
कहा जा रहा है कि ऐसे मौसम में जो भी टॉस जीतता उसकी चांदी हो जाती लेकिन क्या ये वाक़ई सच है? ये सच है नमी भरे मौसम और बादलों से घिरे मैदान में गेंद स्विंग करती है लेकिन सुरंगा लकमल, गमगे और शनका जैसे बॉलरों के आगे दिग्गज भारतीय बल्लेबाज़ लाचार क्यों हो गए? बॉल स्विंग ही तो हो रही थी लेकिन ग़लती बल्लेबाज़ों ने की. पहले, ओपनर राहुल को समझ में ही नही आया कि उन्हें मैच की पहली बॉल खेलनी चाहिए या छोड़ना चाहिए. इस कंफ़्यूज़न में वो विकेटकीपर को कैच थमा बैठे. इसके बाद धवन ग़ैरजिम्मेदारा शॉट खेलकर अपना विकेट फेंककर गए. धवन जिस बॉल पर आउट हुए उसमें ऐसा कुछ नहीं था. हां, जिस बॉल पर कोहली आउट हुए वो ज़रुर तेज़ी से अंदर आई थी और वह lbw हो गए. इसके बाद रहाणे भी अपनी ग़लती से आउट हुए. कुल मिलाकर हमारे माने जाने वाले बल्लेबाज़ क्रिकेट की बेसिक बातों को भूलकर अपना विकेट गंवा कर आए और नतीजतन भारत का स्कोर 172.
2-उमेश यादव की दिशाहीन गेंदबाज़ी
भुवनेश्वर ने ओपनर समरविक्रमा (23) और करुणारत्ने (8) को सस्ते में आउट कर भारत को शानदार शुरुआत दिलवाई. शमी ने भी दूसरे छोर से अच्छी गेंदबाज़ी कर बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाए रखा हालंकि उन्हें विकेट नहीं मिला. शमी की जगह उमेश यादव को जब लगाया गया तो उनका पहला स्पैल बहुत ख़राब रहा. उनकी दिशाहीन गेंदबाज़ी ने थिरिमाने (51) और एंजलो मैथ्यूज़ (52) को जमने का मौक़ा दिया क्योंकि एक तरफ से जहां भुवी कसी हुई गेंदबाज़ी कर रहे थे वहीं उमेश ने बाउंड्री पर बाउंड्री देकर सारा दबाव ख़त्म कर दिया. इन दोनों बल्लेबाज़ों के बीच 89 रन की बेहद महात्वपूर्ण साझेदारी हुई. उमेश ने बाद में हालंकि दो विकेट ज़रुर लिए लेकिन श्रीलंका तब तक मज़बूत बुनियाद बना चुकी थी.
3-भुवनेश्वर से ज़्यादा गेंदबाज़ी करवाई
तीसरे दिन श्रीलंका की पारी में भुवनेश्वर एक मात्र ऐसे बॉलर थे जो लग़ातार बल्लेबाज़ों को परेशान कर रहे थे. उन्होंने दो विकेट लिए भी लेकिन कोहली ने उनसे इतने ओवर फिकवा दिए कि वो थक गए और बाद में विकेट नही ले पाए वरना हो सकता था आज श्रीलंका के 2-3 विकेट और गिर चुके होत.