Ind vs Sl: पिच नहीं, ये खिलाड़ी है टीम इंडिया की शर्मनाक हार का विलेन
धर्मशाला में पहले वनडे में श्रीलंका के हाथों शर्मनाक हार के कई कारण गिनाए जा रहे हैं. लेकिन एक और बड़ी वजह है जिसकी वजह इंडिया हारी वर्ना नतीजा कुछ और भी हो सकता था.
धर्मशाला में पहले वनडे में श्रीलंका के हाथों शर्मनाक हार के कई कारण गिनाए जा रहे हैं. पहला तो ये कि उस पिच पर बैटिंग करना मुश्किल था, दूसरा कि इंडिया टॉस हार गई वर्ना पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका का भी यही हश्र होता. लेकिन एक और बड़ी वजह है जिसकी वजह इंडिया हारी वर्ना नतीजा कुछ और भी हो सकता था.
मैच के बाद कप्तान रोहित शर्मा दुखी नज़र आए और उन्होंने ख़राब बल्लेबाज़ी को कोसा लेकिन एक सवाल पर कन्नी काट गए. उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बूमराह की उस नो-बॉल को ज़्यादा तवज्जो नही दी जिस पर ओपनर उपुल थरंगा कैच आउट हो गए थे लेकिन फिर अंपायर ने उन्हें वापस बुला लिया. उस समय वह 11 रन पर बैटिंग कर रहे थे लेकिन नॉट आउट दिए जाने के बाद उन्होंने 49 र बना डाले.
श्रीलंका को कोच निक पोथास का मानना है कि बूमराह की नो-बॉल मैच का टर्निंग पाइंट था. 112 के छोटे से स्कोर को डिफेंड करते हुए इंडाया ने दनुष्का गुनाथिलका (1) और लाहिरु थिरिमाने (0) को सस्ते में पवैलियन बेज दिया था. थरंगा 11 पर थे जब वह नो-बॉल पर आउट हुए थे. नो-बॉल जब चौक की गई तो पता चला कि बूमराह ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल से कोई सबक नहीं सीखा. चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में भी पाकिस्तान के ओपनर फख़र ज़मां बूमराह की नो-बॉल पर कैच आउट हो गए थे. वह उस समय 3 रन पर थे लेकिन जीवनदान मिलने के बाद उन्होंने 114 की मैच जिताऊ पारी खेली.
पोथास ने कहा, "मेरा पक्का मानना है कि मैच में दो ऐसे क्षण थे जिनसे मैच का नतीजा बदल सकता था. एक तो था टॉस और दूसरा बूमराह का नो-बॉल करना. हमाने 15 के स्कोर पर अचानक तीन विकेट खो दिए थे और स्थिति गंभीर हो गई थी. हमने दो स्थितियों पर नज़र डाली और मेरे लिहाज़ से उसने मैच का नतीजा तय कर दिया."
थरंगा इस साल श्रीलंका के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ रहे हैं. उन्होंने 47 की औसत से 900 से ज़्यादा रन बनाए हैं. धर्मशाला में उन्होंने 49 रन बनाए थे.
रोहित शर्मा का कहना है कि बल्लेबाज़ी की वजह से वे मैच हारे. "हम बॉलिंग नहीं बैटिंग की वजह से मैच हारे. हार के लिए किसी एक व्यक्ति विशेष ख़ासकर बॉलर को ज़िम्मेदार ठहराना सही नहीं है. मुझे लगता है कि हमारे बल्लेबाज़ स्थिति संभाल नहीं पाए. अगर हमने 180 या 190 रन बनाए होते तो स्थिति अलग होती लेकिन 112 के स्कोर का बचाव करते हुए आप कुछ ख़ास नहीं कर सकते सिवाय नयी बॉल से तीन-चार विकेट लेने और मैच में वापसी करने के."
पोथास ने लकमल की गेंदबाज़ी की भी तारीफ़ की. उन्होंने कहा, "सुरंगा विश्वस्तरीय बॉलर है. अगर आप उसे ऐसी पिच दें जो उसे सूट करती है तो उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता सामने कौन सा बल्लेबाज़ है. वह उसे परेशान कर डालेगा."
श्रीलंका ने इस साल 12 वनडे मैचों के बाद जीत का स्वाद चख़ा है.