साउथ अफ़्रीका टेस्ट सिरीज़ में जीत हासिल करने के बाद वनडे में संघर्ष करती नजर आ रही है. 6 मैच की सिरीज़ के पहले दो मैचों में उसका प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है और दोनों ही मैच वह आसानी से हार गई. उसकी सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि एबी डिविलियर्स के बाद कप्तान डू प्लेसिस और अब विकेट कीपर क्विंटन डी कॉक भी चोट की वजह से सिरीज़ के बाहर हो गए हैं हालंकि डिविलियर्स के चौथे मैच में वापसी की संभावना है. ये संकट मेज़बान के लिए इसलिए भी कई गुना बड़ा है क्योंकि डू प्लेसिस और डिविलियर्स द. अफ़्रीका की बल्लेबाज़ी की धुरी रहे हैं. हाशिम आमला बड़े बल्लेबाज़ हैं लेकिन उनके बल्ले सेभी रन निकल नहीं रहे हैं.
घायलों को सूची मे डी कॉक का जुड़ना यूं तो बड़ा झटका नहीं माना जा सकता क्योंकि टेस्ट और वनडे में वे अभी तक चले नहीं थे लेकिन सबसे गंभीर बात बैटिंग कोच डेल बेंकेंस्टीन का वो बयान है जिसमें उन्होंने कहा है कि दूसरे वनडे मैच में उन्होंने उनकी बैटिंग लाइनअप सबसे मज़बूत थी. दिलचस्प बात ये है कि ये ''मज़बूत बैटिंग लाइनअप'' भारतीय गेदंबाज़ी के आगे मात्र 118 के स्कोर पर ढेर हो गई थी. इस मैच में युज़वेंद्र चहल ने 22 रन देकर 5 और कुलदीप यादव ने 20 रन देकर 3 विकेट लिए थे. तो क्या माना जाए कि साउथ अफ़्रीका के तरकश में अब बल्लेबाज़ी के तीर ख़त्म हो गए हैं?
साउथ अफ़्रीका के कोच, जिस रफ़्तार से स्पिनर चहल और यादव ने बॉलिंग की है, उससे हैरान हैं. "उन्होंने बहुत धीमी रफ़्तार से बॉलिंग की. ईमानदारी से कहूं तो साउथ अफ़्रीका में बॉल बहुत स्पिन नहीं होती है. ये समस्या हमेशा रही है. मैं कोशिश कर रहा हूं कि रोज़ाना के अभ्यास में स्पिन खेलने को मिले. हम तेंज़ गेंदबाज़ी के सामने तो सक्षम हैं लेकिन स्पिन को खेलने में समय लगेगा.''
बेंकेंस्टीन ने कहा कि एबी डिविलियर्स और डू प्लेसिस के बाहर होने के बावजूद दूसरे मैच में हमने 11 सबसे बेहतरीन खिलाड़ी खिलाए थे लेकिन हम अपनी क्षमता के अनुसार नहीं खेल पाए.
बुधवार को सिरीज़ का तीसरा मैच न्यूलैंड्स में खेला जाएगा.
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