जोहनसबर्ग: साउथ अफ़्रीका के दौरे पर सिरीज़ में 0-1 से पिछड़ने के बाद सेंचुरियन में टीम इंडिया के पास वापसी का बेहतरीन मौक़ा था क्योंकि वहां की पिच बिल्कुल इंडियन पिच की तरह थी लेकिन टीम इंडिया ने ये मौक़ा गंवा दिया और सिरीज़ भी खो दी. भारत 25 साल से साउथ अफ़्रीका में एक भी सिरीज़ नहीं जीता है. तेंज़ गेंदबाज़ कगिसो रबाडा ने भारत को 3-0 से हराने की बात की है. शायद उनका इशारा वैंडरर्स के विकेट की तरफ था क्योंकि अबकी बार भारत को हरियाला विकेट यानी घास से भरपूर विकेट मिलना वाला है. तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच 24 जनवरी से शुरु होगा.
सेंचुरियन के विकेट पर साउथ अफ़्रीका के कई खिलाड़ियों ने हैरानी ज़ाहिर की थी. मॉर्ने मॉर्कल ने तो कहा था कि उन्होंने ऐसा विकेट कभी देखा ही नहीं. बहरहाल, मैच जीतने के बाद कप्तान फ़ाफ़ डू प्लेसिस ने कहा कि वह वैंडरर्स में तेज़ और उछाल वाला विकेट चाहते हैं. यहां के विकेट को देखकर लगता है कि मेज़बान भारत का सूपड़ा साफकर 2015 के भारत दौरे का बदला लेना चाहता है.
केप टाउन में स्विंग और उछाल लेनेवाले विकेट पर पहले टेस्ट की दूसरी पारी में साउथ अफ़्रीका 130 के स्कोर पर सिमट गई थी हालंकि मेज़बान ये मैच 72 रन से जीतने में कामयाब रही. डू प्लेसिस ने साफत़ौर पर कहा कि उन्हें तेंज़ और उछाल वाले ही विकेट चाहिए भले ही उनके बल्लेबाज़ भी क्यों न आउट हों. उन्होंने कहा, "हम ग्राउंड्समैन को ज़िम्मेवार ठहरा सकते हैं लेकिन हम भी ज़िम्मेवार हैं."
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