सेंचुरियन: पहला टेस्ट मैच हारने के बाद टीम इंडिया का थिंक टैंक इतना हिल गया कि उसने दूसरे टेस्ट के लिए टीम में तीन-तीन बदलाव कर दिए. शिखर धवन की जगह केएल राहुल, साहा की जगह पार्थिव पटेल और भुवनेश्वर की ईशांत शर्मा को टीम में लाया गया. भुवनेश्वर को क्यों बाहर किया गया ये सबकी समझ के परे है. कहा जा रहा है कि कोहली का तर्क था कि यहां के विकेट में उछाल है जिसका फ़ायदा वह उठा सकते हैं. मज़ेदार बात ये है कि भुवनेश्वर ने पहले मैच में न सिर्फ़ 6 विकेट लिए थे बल्कि संकट के समय अच्छी बल्लेबाज़ी भी की थी.
बहरहाल, लंच तक भारत को कोई सफलता नहीं मिली. कोहली पिच के बर्ताव से भी निराश होंगे क्योंकि पिच में उछाल जैसी कोई बात ही नहीं दिखी. कोहली ने चारों तेज़ गेंदबाज़ शमी, बूमराह, हार्दक और ईशांत को इस्तेमाल किया लेकिन चारों बेअसर साहित हुए. साउथ अफ़्रीकी ओपनर्स डीन एल्गर और मार्करम न सिर्फ आराम से खेल रहे थे बल्कि बीच बीच में चौके भी जड़ते रहे. ज़ाहिर है जब स्कोर 50 के पार हो गया तो कोहली ने रक्षात्मक रुख़ अपना लिया ताकि मेज़बान को बड़ा स्कोर करने से रोका जा सके. रक्षात्मक रवैये की हद तो तब हो गई जब 27वें ओवर में कप्तान विराट कोहली स्लिप में हेल्मेट पहनकर फ़ील्डिंग करने लगे.
आपको बता दें कि तीन मैचों की सिरीज़ में भारत केप टाउन में पहला टेस्ट मैच 72 रन से हारकर 0-1 से सिरीज़ में पिछड़ा हुआ है.
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