Ind vs Eng, 4th Test Preview : हैडिंग्ले की हार को भुलाकर कप्तान कोहली प्लेइंग XI में कर सकते हैं फेरबदल
लार्ड्स में प्रेरणादायी जीत के बाद भारतीय बल्लेबाजी क्रम ने हैडिंग्ले में दोनों पारियों में निराश किया। ओवल में होने वाला यह टेस्ट काफी अहम होगा क्योंकि दोनों ही टीमें इसमें जीत दर्ज करके सीरीज में अजेय बढ़त हासिल करने की कोशिश करेंगी।
लीड्स में पारी की हार के बाद वापसी की कवायद में जुटी भारतीय टीम ओवल में जब इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में उतरेगी तो सभी की नजरें खराब फॉर्म से जूझ रहे अजिंक्य रहाणे और सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लेकर टीम प्रबंधन के फैसले पर टिकी होगी।
लार्ड्स में प्रेरणादायी जीत के बाद भारतीय बल्लेबाजी क्रम ने हैडिंग्ले में दोनों पारियों में निराश किया। ओवल में होने वाला यह टेस्ट काफी अहम होगा क्योंकि दोनों ही टीमें इसमें जीत दर्ज करके सीरीज में अजेय बढ़त हासिल करने की कोशिश करेंगी।
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कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि लार्ड्स की जीत ने अगले टेस्ट में जीत सुनिश्चित नहीं की और हैडिंग्ले में हार का मतलब यह नहीं है कि ओवल में भी यही कहानी दोहराई जाएगी। अभी पांच मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर चल रही है। भारतीय कप्तान जानते हैं कि उनके बल्लेबाजी क्रम में सब कुछ ठीक नहीं है और उनकी सबसे बड़ी चिंता मध्यक्रम है जिसमें वह, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे तीन दिग्गज खिलाड़ी शामिल हैं।
पुजारा ने लीड्स में तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 91 रन की प्रभावी पारी खेलकर फॉर्म में वापसी के संकेत दिए लेकिन लार्ड्स में दूसरी पारी में 61 रन बनाने वाले रहाणे एक बार फिर नाकाम रहे। पूरी संभावना है कि रहाणे को एक और मौका मिलेगा लेकिन पिछले दो साल में उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी दिखी है और टीम को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।
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लोग इससे हैरान हैं कि मेलबर्न में शतक और लार्ड्स में अर्धशतक के बावजूद रहाणे आगामी पारियों में आत्मविश्वास से भरे नहीं दिखे और ऐसा नहीं लगा कि वह फॉर्म में वापसी कर रहे हैं। पांच पारियों में 19 की औसत 95 रन रहाणे की क्षमता को नहीं दर्शाते हैं और सूर्यकुमार यादव जैसे आक्रामक बल्लेबाज या हनुमा विहारी जैसे पारंपरिक खिलाड़ी मध्यक्रम में नयापन ला सकते हैं।
रहाणे को अगर बाहर किया जाता है तो विहारी के टीम में जगह बनाने की संभावना अधिक है क्योंकि वह ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर सकते हैं। कप्तान कोहली हालांकि दिखा चुके हैं कि सुनील गावस्कर सहित भारत के दिग्गज क्रिकेटरों के सुझाव के बावजूद वह अपनी पसंद की टीम के साथ खड़े हैं।
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गावस्कर का मानना है कि अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाने से मदद मिल सकती है। सलामी बल्लेबाजों रोहित शर्मा और लोकेश राहुल (तीसरे टेस्ट में खराब प्रदर्शन किया) के अलावा अन्य बल्लेबाजों की विफलता के बावजूद कोहली ने पांच गेंदबाजों के साथ उतरने के अपने फैसले को बरकरार रखा है। रविंद्र जडेजा इस सीरीज में सातवें नंबर पर मुख्य रूप से बल्लेबाज के रूप में खेले हैं क्योंकि वह अश्विन से बेहतर बल्लेबाज हैं।
अश्विन हालांकि इस समय संभवत: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं जबकि जडेजा तीन मैचों में सिर्फ दो विकेट हासिल कर पाए हैं। ओवल की पिच से पारंपरिक रूप से स्पिनरों को मदद मिलती है और समरसेट के खिलाफ काउंटी मैच में सरे की ओर से छह विकेट चटकाने वाले अश्विन को टीम में मौका मिल सकता है क्योंकि अतीत में वह इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान कर चुके हैं।
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चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का कोहली का मोह जगजाहिर है। वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम रहे इशांत शर्मा की जगह ऑलराउंडर की भूमिका निभाने वाले शारदुल ठाकुर को मौका दे सकते हैं। हालांकि यह देखना होगा कि अश्विन को जडेजा की जगह मौका मिलता है कि नहीं। जडेजा की गेंदबाजी में धार की कमी दिखी है।
कप्तान ने इसके अलावा जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी पर काम के बोझ को लेकर भी संकेत दिए हैं। ये दोनों सीरीज में अब तक 100 से अधिक ओवर फेंक चुके हैं। अगर मध्यक्रम का प्रदर्शन चिंता की बात है तो विरोधी कप्तान जो रूट की फॉर्म भी कोहली की नींद उड़ा रही है जो शतकों की हैट्रिक सहित तीन मैचों में 500 से अधिक रन बना चुके हैं।
अगर अश्विन को मौका मिलता है तो उनके और रूट के बीच मुकाबला दर्शकों के लिए यादगार हो सकता है। इंग्लैंड के लिए टेस्ट प्रारूप में वापसी कर रहे डेविड मलान हैडिंग्ले में अच्छी लय में दिखे। मार्क वुड और क्रिस वोक्स की मौजूदगी से अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का काम का बोझ कम होगा।
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जॉनी बेयरस्टो के विकेटकीपर की भूमिका निभाने की उम्मीद है क्योंकि जोस बटलर ने ब्रेक लिया है जिससे कि अपनी पत्नी के साथ रह सकें जो दूसरी बार मां बनने वाली हैं। इंग्लैंड के पास हालांकि भारत को परेशान करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
टीमें इस प्रकार हैं:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, मयंक अग्रवाल, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, लोकेश राहुल, रिद्धिमान साहा, अभिमन्यु ईश्वरन, पृथ्वी साव, सूर्यकुमार यादव और शारदुल ठाकुर।
इंग्लैंड: जो रूट (कप्तान), मोईन अली, जेम्स एंडरसन, जॉनी बेयरस्टो, सैम बिलिंग्स, रोरी बर्न्स, सैम कुरेन, हसीब हमीद, डैन लॉरेंस, डेविड मलान, क्रेग ओवरटन, ओली पोप, ओली रॉबिन्सन, क्रिस वोक्स और मार्क वुड।