भारत और बांग्लादेश के बीच तीन टी20 मैच की सीरीज का दूसरा मैच राजकोट में खेला गाया जिसे टीम इंडिया ने कप्तान रोहित शर्मा की आतिशी पारी और चहल की फिरकी के दम पर 8 विकेट से जीता। इसी जीत के साथ भारत ने सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। इस मैच में युजवेंद्र चहल ने एक बार फिर अपना अनुभव दिखाते हुए 4 ओवर में 28 रन देकर दो विकेट लिए। ये दो विकेट मुशफिकुर और सौम्य सरकार के थे जिन्होंने पिछले मैच में बांग्लादेश की जीत में अहम भूमिका दिलाई थी।
इस मैच में चहल की गेंद अच्छी खासी घूम रही थी। मैच के बाद चहल ने कहा 'जब मैने पहली गेंद डाली तो मैंने देखा गेंद घूम रही है, तब आपको यह तय करना होता है कि कौन सी गेंद आपको तेज डालनी है और कौन सी धीमी।'
रात के मैच में गेंदबाजों को गेंद डालने में अधिक परेशानी होती है क्योंकि गेंद गिली हो जाती है, इस मैच में भी ड्यू की वजह से गेंदबाजों को दिक्कत हुए लेकिन चहल की धार कम नहीं हुई। चहल ने अपने इस राज के बारे में बताया कि जब मैं टीम इंडिया का हिस्सा था तो मैं गिली गेंद से गेंदबाजी करता था। हम भारत में हर जगह ड्यू के साथ खेलने के आदि हो गए हैं।
वहीं पारी के छठे और चहल के पहले ओवर की तीसरी गेंद पर सलामी बल्लेबाज लिटन ने क्रीज से निकलकर जोरदार शॉट मारने का प्रयास किया। हालांकि वो गेंद को पढने में विफल रहे और गेंद पंत के दस्तानों में समां गई और उन्होंने जब तक लिटन क्रीज पर आते स्टंपिंग भी कर दी। जिसके बाद इस विकेट को थर्ड अम्पायर ने एक बार चेक करने की कोशिश की तो स्टंपिंग करते समय ऋषभ पंत के ग्लव्स स्टंप्स के उपर थे। जो की नियमों के अनुसार गलत थे, जिसके चलते बल्लेबाज को नॉट आउट करार दिए जाने के साथ-साथ गेंद को भी नो बॉल ठहराया गया।
पंत की इस भूल पर चहल ने कहा 'स्टंपिंग छूटती रहती है, मैंने भी कई कैच छोड़ी है। भाग्य हमारा साथ नहीं था। मैं हमेशा ये देखता हूं कि बल्लेबाज मेरी गुगली पढ़ पा रहा है या नहीं उसके हिसाब से मैं उसे मिडल और लेग स्टंप पर गेंदबाजी करता हूं। जब आप पावरप्ले और अंत के ओवर में गेंदबाजी करते हो तो इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।'
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