IND vs AUS : क्या सिडनी टेस्ट से रोहित शर्मा के टेस्ट करियर को मिलेगी नई दिशा?
रोहित शर्मा व्हॉइट बॉल क्रिकेट के तो धाकड़ बल्लेबाज माने जाते हैं, लेकिन एक संपूर्ण बल्लेबाज हम उसी को कहते हैं जो तीनों फॉर्मेट में अच्छा खेल दिखाए।
लिमिटेड ओवर क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से धमाल मचाने वाले भारतीय उप-कप्तान और सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में अपनी जगह बना ली है। इस टेस्ट सीरीज में अभी तक भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने काफी निराश किया है। पहले टेस्ट में पृथ्वी शॉ के खराब परफॉर्मेंस की वजह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया और दूसरे टेस्ट के बाद मयंक अग्रवाल को भी प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया है। रोहित के आने से ओपनिंग जोड़ी में तो थोड़ा अनुभव बड़ेगा साथ ही अजिंक्य रहाणे को भी कप्तानी में मदद मिलेगी। इसी के साथ रोहित अपने टेस्ट करियर को भी एक नई दिशा दे सकते है। आइए जानते हैं रोहित शर्मा का इस टेस्ट सीरीज में किन-किन चीजों पर प्रभाव पड़ेगा।
टीम की नींव होगी मजबूत
पहले दो टेस्ट में अगर भारतीय टीम को किसी चीज की कमी खली तो वो है एक अनुभवी सलामी बल्लेबाज की। पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने मयंक अग्रवाल और पृथ्वी शॉ के साथ शुरुआत की। शॉ ने जहां उस मैच में शून्य और चार रन बनाए, वहीं मयंक अग्रवाल ने 17 और 9 रन की पारी खेली। दूसरे टेस्ट में शॉ की जगह गिल को मौका दिया गया। गिल ने तो उस मैच में अच्छा परफॉर्म किया, लेकिन मयंक अग्रवाल इस मौके को भी ना बुना पाए।
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अब तीसरे टेस्ट में उनको बाहर का रास्ता दिखाकर टीम इंडिया ने रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन में चुना है। रोहित के आने से शुभमन गिल को भी आत्मविश्वास मिलेगा साथ ही टीम इंडिया को भी एक मजबूत नींव रखने में मदद मिलेगा। शुरुआती दो टेस्ट में सलामी बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने की वजह से रन बनाने का सारा भार मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों पर आ रहा था। तभी टीम इंडिया बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब नहीं हो पा रही थी, लेकिन अब रोहित शर्मा के आने से टीम इंडिया का यह पक्ष मजबूत होगा और उम्मीद है कि सिडनी टेस्ट में भारत बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब रहेगा।
अब आप कहेंगे कि रोहित तो लिमिडेट ओवर के सलामी बल्लेबाज हैं, टेस्ट में तो उनको सलामी बल्लेबाजी का ज्यादा अनुभव नहीं है। तो हम आपको बता दें, रोहित ने अभी तक 5 मैचों में टीम इंडिया के लिए ओपनिंग की है और उन्होंने 92.66 की औसत के साथ 556 रन बनाए हैं, वहीं इस दौरान उन्होंने तीन शतक भी जड़े हैं। रोहित का यह अनुभव टीम इंडिया के लिए इस समय काफी काम आएगा।
रहाणे को भी मिलेगा टीम का नेतृत्व करने में सहारा
एडिलेड टेस्ट के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली पैटर्निटी लीव पर स्वदेश लौट आए थे, जिसके बाद कप्तानी का जिम्मा अजिंक्य रहाणे ने संभाला था। कोहली के जाने के बाद रहाणे के सामने काफी परेशानियां थी। कोहली की जगह नंबर चार पर बल्लेबाजी किसी कराएं, पृथ्वी शॉ की खराब फॉर्म को देखते हुए किस बल्लेबाज को प्लेइंग इलेवन में जगह दें और चोटिल शमी की जगह किसी गेंदबाज को खिलाएं।
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ऐसे कई सवालों का जवाब देते हुए रहाणे बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने उतरे और उन्होंने लाजवाब कप्तानी के साथ बेहतरीन बल्लेबाजी कर टीम इंडिया को जीत का रास्ता दिखाया। रहाणे को भी टीम इंडिया की कमान संभालने का ज्यादा अनुभव नहीं है। उन्होंने अभी तक तीन टेस्ट मैच में टीम इंडिया की कप्तानी की है और तीनों में ही उन्हें जीत हासिल हुई है। लेकिन हर बार ऐसा कारनामा करने के लिए भी उन्हें किसी के साथ की जरूरत है और सिडनी टेस्ट में टीम इंडिया का बोझ उठाने के लिए रोहित शर्मा रहाणे का एक कंधा जरूर बन सकते हैं। रोहित लिमिटेड ओवर में भी उप-कप्तान है और उन्होंने काफी आहम फैसलों में कोहली का साथ दिया है। वहीं आईपीएल में भी वह मुंबई इंडियंस की कप्तानी करते आ रहे हैं।
टेस्ट करियर को मिल सकती है नई दिशा
रोहित शर्मा व्हॉइट बॉल क्रिकेट के तो धाकड़ बल्लेबाज माने जाते हैं, लेकिन एक संपूर्ण बल्लेबाज हम उसी को कहते हैं जो तीनों फॉर्मेट में अच्छा खेल दिखाए। रोहित ने अभी तक भारत के लिए 224 वनडे और 108 टी20 मुकाबले खेले हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अभी तक उन्हें 32 ही मैच खेलने को मिले हैं।
कुछ क्रिकेट के पंडित कहते हैं कि रोहित शर्मा का हाल बिल्कुल युवराज सिंह की तरह है जो लिमिटेड ओवर क्रिकेट में तो भारत के लिए धमाल मचाते हैं, लेकिन जब बारी रेड बॉल क्रिकेट की आती है, तो इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन फीका पड़ जाता है।
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इन खिलाड़ियों के लचर प्रदर्शन पर एक बात यह भी कही जा सकती है कि कभी इन्हें अपने बल्लेबाजी क्रम में खेलने का मौका नहीं मिला। बात रोहित शर्मा की ही करें तो रोहित ने अभी तक खेले 32 मैचों में अधिकतर समय बल्लेबाजी नंबर 5 और 6 पर ही करी है, वहीं लिमिटेड ओवर क्रिकेट में वह सलामी बल्लेबाजी ही करते हैं।
अब जब उन्हें अपने फेवरेट स्पॉट पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला है तो हो सकता है कि वह भारत में खेले गए मैचों की तरह ऑस्ट्रेलिया में भी धमाल मचा सकते हैं। अगर रोहित ऑस्ट्रेलिया में बड़े रन बनाने में कामयाब रहे तो उनका टेस्ट करियर नया मोड़ ले लेगा। साथ ही हम यह भी कह सकते हैं कि यह दो टेस्ट मैच उनके टेस्ट करियर की अग्नि परीक्षा भी है।