मुंबई। मोहम्मद सिराज पिछले महीने अपने दिवंगत पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पाये थे क्योंकि वह राष्ट्रीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में थे और शनिवार को उनके परिवार ने कहा कि तेज गेंदबाज ने भारत के लिये टेस्ट पदार्पण करके उन्हें गौरवान्वित कर दिया।
भारतीय टीम नवंबर में ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी और इसके एक हफ्ते बाद 20 नवंबर को 26 वर्षीय सिराज के पिता मोहम्मद गौस का हैदराबाद में निधन हो गया लेकिन कोविड-19 पाबंदियों के कारण वह घर नहीं लौट सके।
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उनके भाई इस्माइल ने कहा कि उनके पिता का सपना था कि सिराज टेस्ट मैचों में देश के लिये खेले और आखिरकार एमसीजी में शनिवार को उनका सपना पूरा हो गया।
इस्माइल ने हैदराबाद से पीटीआई से कहा, ‘‘मेरे (दिवंगत) पिता का सपना था कि सिराज को टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। वह हमेशा उसे (सिराज को) नीली और सफेद जर्सी में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना चाहते थे इसलिये आज हमारा सपना पूरा हो गया।’’
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सिराज देश के लिये एक वनडे और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मुकाबले में सिराज ने पहली इनिंग में दो विकेट लिए। इस दौरान उन्होंने खतरनाक दिख रहे मार्नस लाबुशेन के साथ कैमरन ग्रीन को पवेलियन का रास्ता दिखाया।
मैच के बाद सिराज ने अपनी गेंदबाजी के बारे में बात करते हुए कहा था कि जब वह मैदान पर उतरे थे तो गेंदबाजी करने के लिए उनके हाथों में खुजली हो रही थी।
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बीसीसीआई वेबसाइट पर अपलोडेड एक वीडियो में सिराज ने कहा, "लंच के बाद जब मुझे गेंदबाजी के लिए लगाया गया तब तक विकेट बल्लेबाजों को मदद करने लगी थी। ऐसे में मेरा प्लान अधिक से अधिक डॉट बॉल करना था, जिससे कि मैं बल्लेबाजों पर प्रेशर बना सकूं।"
सिराज ने कहा, "वहां बॉलिंग करने के लिए मेरे हाथो में खुजली हो रही थी। लंच के बाद जब मेरे कप्तान ने बॉलिंग करने के लिए कहा तो मैंने वार्मअप शुरू किया। उस समय जडेजा को लगातार गेंदबाजी कराई जा रही थी क्योंकि विकेट पर काफी नमी थी।"
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