पुजारा ने बताया, इस कारण गाबा में शरीर पर बाउंसर गेंद खाने के अलावा नहीं था कोई चारा
गाबा के मैदान में पुजारा ने कम से कम 7 से 8 बाउंसर गेंदे शरीर पर खाई जबकि एक गेंद के दौरान उनकी ऊँगली भी चोटिल हो गयी थी।
32 साल बाद हाल ही में टीम इंडिया ने गाबा के तेज विकेट पर ऑस्ट्रेलिया को मात देकर उसके गुरूर को चकनाचूर कर दिया। इतना ही नहीं टीम इंडिया ने 4 मैचों की टेस्ट सीरीज को भी 2-1 से अपने नाम किया। ऐसे में गाबा के निर्णायक और रोमांचक मैच में भारत के चेतेश्वर पुजारा ने भी जीत के लिए अहम 211 गेंदों में 56 रनों की जुझारी पारी खेली। इस पारी के दौरान पुजारा ने कम से कम 7 से 8 बाउंसर गेंदे शरीर पर खाई जबकि एक गेंद के दौरान उनकी ऊँगली भी चोटिल हो गयी थी। जिस पर उन्हें मैदान में दर्द से कराहते देखा गया था।
ऐसे में जब पुजारा मैदान में घायल हो रहे थे तब उनके घर पर उनकी छोटी बेटी और पिता काफी चिंतित हो रहे थे। इतना ही नहीं बेटी ने ख़ास अंदाज में अपनी पिता का ख्याल रखने की बात भी कही थी। ऑस्ट्रेलिया से लौटेने के बाद पुजारा ने इन्डियन एस्क्प्रेस से ख़ास बातचीत की। जिसमें उनकी 2 साल छोटी बेटी अदिति ने बताया की जब पापा को चोट लगी तो मैंने कहा, "वो जब घर आयेंगे तो मैं उन्हें हर उस जगह किस करुँगी जहां उन्हें चोट लगी है। इससे उनकी चोट जल्दी ठीक हो जाएगी।"
अदिति की इस बात पर पुजारा ने आगे कहा, "उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि जब वो गिरती है तो मैं भी ऐसा करता हूँ। इसलिए उसे लगता है किस करने से कोई भी चोट ठीक हो सकती है।"
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वहीं गाब के मैदान में पांचवे दिन पिच में थोड़े क्रैम्प भी आ चुके थे। ऐसे में गेंद कभी भी उठ रही थी और नीचे रह जा रही थी। यही कारण है की अपनी पारी के दौरान पुजारा ने कई गेंदे अपने कंधे, सीने और यहाँ तक कि सिर पर भी खाई। इस तरह अपने शरीर पर गेंद खाने के बारे में पुजारा ने राज खोलते हुए कहा, "पिच में शॉर्ट लेंथ के पास एक क्रैम्प था। जिसे पैट कमिंस ने भी भांप लिया था। इस तरह वो उस स्पॉट पर गेंद फेकने में माहिर था जहां से गेंद को अन-इवन बाउंस मिल रहा था। इस स्थिति से पार पाने के लिए मैंने अपने हाथ को आगे रखा क्योंकि गेंद के ग्लव्स में लगने का खतरा था। मैच को देखते हुए मैं अपना विकेट नहीं गंवा सकता था तो इसलिए मैंने गेंद को अपने शरीर पर खाना सही समझा।"
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वहीं 211 गेंदों का सामना करने के दौरान एक गेंद काफी तेजी से उनकी ऊँगली पर भी आ लगी। जिस पर वो बीच मैदान में काफी दर्द से कराहा उठे। उस समय ऐसा लगा कि पुजारा अब बल्लेबाजी नहीं पाएंगे। हलांकि उन्होंने बल्लेबाजी करना जारी रखा और एक ऊँगली बुरी तरह से चोटिल होने के बाद करियर की सबसे धीमी 196 गेंदों में फिफ्टी भी जड़ी। इसके बारे में पुजारा ने कहा, "ऊँगली में चोट लगने के बाद मेरी बल्ला पकड़ने की ग्रिप थोड़ी ढीली पड़ गई थी। जिससे खेलने में दिक्कत आ रही थी। जिसके चलते मैं वहाँ गेंद नहीं हिट कर पा रहा था। जहां करना चाहता था।"
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वहीं अंत में साल 2018-19 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जब भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी। उसके बाद लगातार दूसरी बार टेस्ट सीरीज जीत के दौरे के बारे में पुजारा ने कहा, "पिछली बार ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत थी लेकिन इस बार ये जीत काफी स्पेशल है।"